भारत इंग्लैंड के खिलाफ साउथेम्पटन में खेले गए चौथे मैच में हार के साथ ही सीरीज जीतने का भी सपना टूट गया है। इंग्लैंड के खिलाफ तीसरा टेस्ट जीतने केबाद भारत की इस सीरीज को जीतने की उम्मीदें बढ़ गई थीं।
ऐसा कहा जा रहा था कि भारत इस चौथे मैच में जीतकर सीरीज में वापसी कर सकता है लेकिन रविवार को चौथे टेस्ट मैच में हारने के बाद भारत का यह सपना भी टूट गया।
इस मैच में भारत को इंग्लैंड ने 60 रनों से करारी हार दे दी है। बता दें कि सीरीज और मैच हारने के बाद Virat Kohli ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कई वजहों को जिम्मेदार बताया है।
हार का राज बताया Virat Kohli ने
भारत की हार के बाद कप्तान Virat Kohli ने कहा कि भारत के मुकाबले इंग्लैंड की कठिन परिस्थियों में ज्यादा साहसी था और चौथे टेस्ट में दोनों पक्षों के बीच यही अंतर था, जिसके कारण घरेलू टीम ने 60 रनों से जीत हासिल कर पांच मैचों की सीरीज में 3-1 की बढ़त बना ली।
कोहली ने कहा कि वहीं निचले क्रम से मिला योगदान महत्वपूर्ण रहा। उन्होंने 245 रनों का कठिन लक्ष्य देने के लिए घरेलू टीम की सराहना की, जहां रन बनाना वास्तव में आसान नहीं था।
तुरूप का इक्का बने मोईन अली
भारत को इंग्लैंड के खिलाफ इस मैच में सबसे ज्यादा दर्र्द किसी खिलाड़ी ने दिया तो वह खिलाड़ी मोईन अली था। मोईन अली ने पहली पारी में 5 विकेट तो दूसरी पारी में 4 विकेट लिए। जिसकी वजह से भारत की कमर को तोड़ दिया।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इंग्लैंड के खिलाड़ी मोईन अली इस टेस्ट सीरीज में अपना पहला ही मैच खेल रहे थे और उन्होंने बल्ले और गेंद दोनों से भारत को दर्र्द दिया जिसके चलते भारत केहाथ से ये सीरीज फिसल गई।
यह शानदार रिकॉर्ड बनाए हैं
इस बात में कोई संदेह नहीं है कि विराट और रिकॉर्ड का रिश्ता काफी करीबी है। वहीं जब दूसरी पारी में विराट ने 58 रन की पारी खेली तो बतौर कप्तान Virat Kohli ने 4000 टेस्ट रन पूरे किए। उन्होंने ऐसा 65 पारियों में किया है, जो कि विश्व रिकॉर्ड है।
विराट कोहली से पहले ये रिकॉर्ड कैरेबियाई कप्तान ब्रायन लारा के नाम था, जिन्होंने 4000 रन 71 पारियों में पूरे बनाए थे, वहीं रिकी पोंटिंग ने 75, ग्रेग चैपल ने 80, एलन बॉर्डर ने 83, क्लाइव लॉयड ने 87 और एलिस्टेयर कुक ने ऐसा 90 पारियों में किया है।