टेस्ट क्रिकेट बड़ी चुनौती : कुलदीप - Punjab Kesari
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टेस्ट क्रिकेट बड़ी चुनौती : कुलदीप

कुलदीप यादव ने कहा कि अगर आप नियमित तौर पर सफेद गेंद से खेल रहे हो तो सामंजस्य

हैदराबाद : भारत के मुख्य कोच रवि शास्त्री को लगता है कि कुलदीप यादव विदेशी परिस्थितियों में टेस्ट टीम के नंबर एक स्पिनर बन चुके हैं लेकिन इस बायें हाथ के गेंदबाज का कहना है कि वह सफेद गेंद के क्रिकेट में ज्यादा सहज हो चुके हैं और जिस प्रारूप को वह पसंद करते हैं, उसमें उन्हें और काम करने की जरूरत है।

चौबीस साल के कुलदीप यादव ने कहा कि अगर आप नियमित तौर पर सफेद गेंद से खेल रहे हो तो सामंजस्य बिठाना आसान हो जाता है। मैं सफेद गेंद के क्रिकेट में और सहज हो गया हूं, इसमें मुझे कोई दबाव नहीं महसूस होता। वनडे में किसी भी स्पिनर के लिये सीमित कोटा होता है इसलिये आपको उसी तरह से आक्रमण करने की जरूरत होती है।

आप जब टीम के लिये प्रदर्शन कर रहे हो तो आपको हर बार खुद को चुनौती देने की जरूरत होती है। पिछले 12 महीनों को देखते हुए कानपुर के इस क्रिकेटर को पता है कि प्रारूप के हिसाब से ढलना कितना कठिन होता है। उन्होंने कहा कि सफेद गेंद के क्रिकेट से लाल गेंद के क्रिकेट में ढलना काफी मुश्किल होता है। अगर आप लाल गेंद से क्रिकेट खेल रहे हो तो बतौर स्पिनर सांमजस्य बिठाना आसान होता है लेकिन मैं नियमित रूप से सफेद गेंद से खेलता हूं इसलिये जब लार्ड्स में मुझे मौका मिला तो मैं इससे निपटने के लिये तैयार नहीं था।

उन्होंने कहा कि मेरे लिये लाल गेंद का क्रिकेट सबसे बड़ी चुनौती है। हर कोई टेस्ट क्रिकेट पसंद करता है और मैं भी इससे अलग नहीं हूं। मैं ड्यूक गेंद (इंग्लैंड में) फेंकने का आदि नहीं था इसलिये जब मैं लौटा तो मैंने अपने कोच (कपिल पांडे) के साथ सचमुच कड़ी मेहनत की। कुलदीप ने आस्ट्रेलिया में तुरंत प्रभावित करते हुए सिडनी में पांच विकेट चटकाये। वह इस श्रृंखला के पहले मैच खेले जिसे भारत ने 2-1 से अपने नाम किया। उन्होंने कहा कि मुझे ऐसा लगा, जैसे मैं पदार्पण कर रहा हूं। मैं वैसी गलतियां नहीं करना चाहता था जो मैंने लार्ड्स पर की थीं। मैंने योजना बनायी।

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