आईपीएल 2025 की लीग स्टेज के आखिरी और बेहद अहम मुकाबले में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने लखनऊ सुपर जायंट्स को 6 विकेट से हराकर क्वालीफायर-1 में अपनी जगह पक्की कर ली। लेकिन इस मैच में जीत-हार से ज्यादा चर्चा एक विवादित पल की हो रही है। दिग्वेश राठी द्वारा जितेश शर्मा को मांकडिंग के जरिए आउट करने की कोशिश और फिर कप्तान ऋषभ पंत द्वारा अपील वापस लेना। मैच के दौरान जब लखनऊ के तेज गेंदबाज दिग्वेश राठी ने नॉन-स्ट्राइकर एंड पर खड़े जितेश शर्मा को रन आउट करने की कोशिश की, तो मामला थर्ड अंपायर तक पहुंचा। थर्ड अंपायर ने रिप्ले देखने के बाद फैसला नॉट आउट दिया क्योंकि फ्रंट फुट लैंडिंग के समय जितेश क्रीज के भीतर थे। लेकिन असल विवाद तब शुरू हुआ जब कप्तान ऋषभ पंत ने अपील वापस ले ली और जितेश शर्मा को खेल भावना दिखाते हुए गले भी लगा लिया।
इस पूरे मामले पर भारत के अनुभवी ऑफ स्पिनर आर अश्विन ने अपने यूट्यूब चैनल पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने साफ शब्दों में ऋषभ पंत के फैसले की आलोचना की और कहा कि एक कप्तान का काम अपने गेंदबाज का साथ देना होता है, न कि उसे करोड़ों दर्शकों के सामने नीचा दिखाना।अश्विन ने कहा, “अगर जितेश शर्मा गेंदबाज़ के डिलीवरी स्ट्राइड में आने से पहले क्रीज़ से बाहर थे, तो वो आउट दिए जा सकते थे। दिग्वेश ने नियमों के तहत अपील की थी, और थर्ड अंपायर ने नॉट आउट का फैसला दिया। यह ठीक है। लेकिन इसके बाद जो नैरेटिव बनाया गया, वो गलत था। कमेंटेटर्स कह रहे थे कि पंत ने खेल भावना दिखाई। पर क्या अपने गेंदबाज को छोटा महसूस कराना खेल भावना है?”
अश्विन ने आगे अपने व्यक्तिगत अनुभव का हवाला देते हुए कहा कि जब वह दिल्ली कैपिटल्स में थे, तब कोच रिकी पोंटिंग ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि उनकी टीम मांकडिंग नहीं करेगी। अश्विन ने उस नीति को स्वीकार किया, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि पहले से यह स्पष्ट करना जरूरी होता है। उन्होंने कहा, “दिग्वेश राठी के साथ क्या टीम में पहले से बात हुई थी, हमें नहीं पता। अगर नहीं हुई थी, तो अपील के बाद उसे यूं बीच मैदान में शर्मिंदा करना गलत है। ऐसा करने से गेंदबाज भविष्य में डर जाएगा और नियमों के तहत भी अपील नहीं करेगा। क्यों? क्योंकि उसके कप्तान ने उसे सपोर्ट नहीं किया।”
इस पूरे मामले ने क्रिकेट के ‘खेल भावना ‘नियमों के पालन’ की पुरानी बहस को एक बार फिर हवा दे दी है। जहां एक तरफ कई लोग पंत के फैसले को सराहनीय बता रहे हैं, वहीं दूसरी ओर क्रिकेट के कई जानकार और पूर्व खिलाड़ी यह मानते हैं कि अगर कोई बल्लेबाज क्रीज से बाहर होता है, तो उसे आउट करना पूरी तरह जायज है। इस मैच में लखनऊ सुपर जायंट्स ने 228 रनों का विशाल लक्ष्य खड़ा किया था, जिसमें जितेश शर्मा की 33 गेंदों में नाबाद 85 रनों की तूफानी पारी शामिल थी। मजे की बात यह है कि जिन्हें दिग्वेश राठी आउट करना चाहते थे, वही जितेश प्लेयर ऑफ द मैच बने। हालांकि RCB ने यह लक्ष्य हासिल कर इतिहास रच दिया। यह उनकी आईपीएल इतिहास की सबसे बड़ी रन चेज थी।