भारतीय क्रिकेट टीम की कप्तानी स्टार बल्लेबाज Virat Kohli के कंधों पर है। इन दिनों जब भी विराट कोहली मैदान पर उतरते हैं तो कोई ना कोई रिकॉर्ड अपने नाम कर ही लेते हैं।
विराट कोहली ने हाल ही में वेस्टइंडीज के खिलाफ दूसरे वनडे में क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर का 10 हजार रनों का विश्व रिकॉर्ड तोड़ दिया है। सचिन तेंदुलकर ने 259 वनडे मैचों में 10 हजार रनों का आंकड़ा पार किया था।
विराट कोहली ने इसे महज 205 वनडे मैचों में हासिल कर अपने नाम यह रिकॉर्ड कर लिया है। विराट कोहली ने तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए 30 शतक लगाए हैं। यह रिकॉर्ड पहले ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग के नाम था।
देश के लिए खेलना एहसान की नहीं है सम्मान की बात है
देश के लिए खेलना किसी पर भी एहसान करना नहीं है और शायद यही वजह है कि इंटरनेशनल क्रिकेट में दस साल बिताने के बाद भी भारतीय टीम के कप्तानVirat Kohli खुद को कुछ विशिष्ट का हकदार नहीं मानते हैं।
विराट कोहली ने वनडे क्रिकेट में 10,000 रन सबसे कम पारियों में पूरे करके सचिन तेंदुलकर का यह रिकॉर्ड तोड़ दिया है। विराह कोहली का मानना है कि कुछ भी तयशुदा नहीं मानना चाहिए।
किसी खास चीज का हकदार नहीं हूं: Virat Kohli
Virat Kohli ने बीसीसीआई टीवी से कहा, ‘‘मेरे लिए देश का प्रतिनिधित्व करना बहुत बड़ा सम्मान है और यहां तक कि दस साल खेलने के बाद भी मुझे ऐसा अहसास नहीं होता कि मैं किसी खास चीज का हकदार हूं। आपको तब भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रत्येक रन के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी।’’
Virat Kohli ने आगे कहा, ‘‘कई लोग हैं जो भारत की तरफ से खेलना चाहते हैं। जब आप खुद को उस स्थिति में रखते हो तो आपके अंदर भी रनों की वही भूख होनी चाहिए और चीजों को तयशुदा नहीं मानना चाहिए। किसी भी स्तर पर इसे आसान नहीं मानो।’’