कमबैक हो तो करुण नायर जैसा, 33 साल की उम्र में करुण ने फिर से कर ली है क्रिकेट में वापसी - Punjab Kesari
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कमबैक हो तो करुण नायर जैसा, 33 साल की उम्र में करुण ने फिर से कर ली है क्रिकेट में वापसी

करुण नायर ने 33 साल की उम्र में की धमाकेदार वापसी

Dear Cricket, Please Give Me One Chance …. यह शब्द थे करुण नायर के

एक वक्त था जब करुण नायर का नाम भारतीय क्रिकेट में चमक रहा था। साल था 2016 और इंग्लैंड के खिलाफ तिहरा शतक लगाने वाले करुण को लोग भविष्य का स्टार मानने लगे थे। 303 नॉट आउट, ये आंकड़ा उन्हें भारत के टेस्ट इतिहास में खास बना दिया। वीरेंद्र सहवाग के बाद भारत के लिए तिहरा शतक लगाने वाले सिर्फ दूसरे बल्लेबाज थे करुण नायर

लेकिन क्रिकेट, सिर्फ एक पारी का खेल नहीं है। वक़्त बदला, फॉर्म डगमगाई, और टीम में जगह पक्की नहीं रही। धीरे-धीरे करुण नायर भारतीय टीम से बाहर हो गए। आईपीएल में भी उन्हें लगातार मौके नहीं मिले। किसी सीजन में उन्हें टीम ने रिटेन नहीं किया, तो किसी सीजन में उन्हें बेंच पर बैठना पड़ा। कभी बल्लेबाज़ी का नंबर नहीं मिला, तो कभी पूरे सीजन उन्हें खेलने का मौका नहीं दिया गया। और इस तरह से करुण का नाम भुलाया जाने लगा था… लेकिन उन्होंने खुद को नहीं भुलाया।

जब लाइमलाइट छूट जाती है, तब असली संघर्ष शुरू होता है। करुण ने उस वक्त भी हार नहीं मानी। नवंबर 2016 में ही उनका टेस्ट डेब्यू हुआ मगर आगे वो टीम इंडिया से ऐसे ड्रॉप हुए कि वापसी ही नहीं कर सके. टीम इंडिया से ड्रॉप होने के बाद उनका IPL में भी सेलेक्शन नहीं हुआ. वो IPL 2023 और IPL 2024 से बाहर रहे. इस बीच उन्हें उनकी स्टेट टीम कर्नाटक ने भी ड्रॉप कर दिया। लेकिन यहाँ भी नहीं थके। करुण नायर ने इसके बाद विदर्भ का रुख किया नेट्स में घंटों मेहनत की, खुद को फिट रखा और एक ही सपना देखा क्रिकेट में वापसी करने का नायर ने विर्दभ के लिए रणजी ट्रॉफी में 863 रन, विजय हजारे में 779 रन, और कुल 9 शतक लगाने के बाद फिर आया IPL 2025…

दिल्ली कैपिटल्स ने करुण नायर को एक मौका दिया। एक और मौका खुद को साबित करने का। ज़िंदगी में कभी-कभी दूसरा मौका भी पहले जितना आसान नहीं होता। ये मौका था सब कुछ बदलने का। दिल्ली ने पहले चार मुक़ाबलों में मौका नहीं दिया इसके बाद पाचवे मुक़ाबले में जब सामने मुंबई की टीम थी तब as a impact player करुण की वापसी हुई। मबई ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 205 रन बनाए। बड़ा लक्ष्य था। दिल्ली की शुरुआत खराब रही पहले ही ओवर में एक विकेट गिर गया। तभी ‘इम्पैक्ट प्लेयर’ के रूप में करुण नायर मैदान पर उतरे। और फिर… जो हुआ, उसने सबको याद दिला दिया कि करुण नायर अभी खत्म नहीं हुए हैं।

एक छोर संभालते हुए, करुण ने शांत शुरुआत की, लेकिन जैसे-जैसे आंख जमती गई, उन्होंने बुमराह जैसे गेंदबाज़ों को मैदान के हर कोने में भेजना शुरू कर दिया। खास बात ये रही कि बुमराह जैसे दिग्गज गेंदबाज़ को उन्होंने बाउंड्री के लिए बार-बार निशाना बनाया। करुण ने सिर्फ 40 गेंदों पर 89 रन बना डाले जिसमें 12 चौके, 5 छक्के शामिल थे और मैदान पर ऐसा आत्मविश्वास दिखाया कि लगा ही नहीं कि ये खिलाड़ी इतने सालों से बाहर रहा है। हां, दिल्ली ये मैच नहीं जीत पाई, लेकिन करुण ने बता दिया कि वो अभी भी टीम के लिए मैच बदल सकते हैं

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