मुझे नहीं लगता कि हम कभी मैच में दबाव में थे : दीप्ति - Punjab Kesari
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मुझे नहीं लगता कि हम कभी मैच में दबाव में थे : दीप्ति

दीप्ति का बयान: मैच में कभी दबाव महसूस नहीं हुआ

आठ मैचों में केवल तीन जीत और डब्ल्यूपीएल की तालिका में चौथा स्थान कोई भी हासिल नहीं करना चाहेगा, लेकिन शनिवार को लखनऊ में अंतर्राष्‍ट्रीय महिला दिवस के मौके पर अपना आखिरी लीग मुक़ाबला खेल रही यूपी वरियर्ज (यूपीडब्ल्यू) ने ऐसा कारनामा करके दिखाया जिसको सालों-साल याद रखा जाएगा। पहले उन्‍होंने जॉर्जिया वॉल की नाबाद 99 रनों की पारी से डब्ल्यूपीएल इतिहास का सबसे बड़ा स्‍कोर पांच विकेट पर 225 रन बनाया। इसके बाद मात्र 12 रनों से यह मैच जीतकर खुद के साथ रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी ) की भी टूर्नामेंट से विदाई करा दी।

13 रन से मिली इस रोमांचक जीत के बाद यूपीडब्ल्यू की कप्‍तान दीप्ति शर्मा ने कहा, “मुझे लगता है कि हम पर कोई दबाव नहीं था। आप देखें अगर मैंने वॉल को अंतिम ओवर थमाया, क्‍योंकि वह बिगबैश लीग में भी ऐसा कर चुकी हैं और उन्‍होंने स्‍कोर का बचाव करके दिखाया है। यूपीडब्ल्यू की टीम नीलामी के समय आक्रामक बल्लेबाजों से भरी नजर आ रही थी, जहां पर ग्रेस हैरिस, जॉर्जिया वॉल, किरण नवगिरे जैसी बल्‍लेबाज थी तो उनके पास दुनिया की नंबर एक गेंदबाज सोफ़ी एकलस्‍टन भी थी। खुद दीप्ति भी दुनिया की बेहतरीन ऑलरांडरों में से एक हैं और इस बार तो वह कप्‍तानी भी कर रही थीं। लेकिन बल्‍लेबाजी क्रम में छेड़छाड़ उनके लिए कहीं ना कहीं मुसीबत साबित हुई।

इस पर दीप्ति ने कहा, “जब टीम जीतती है तो सारी चीजें अच्‍छी लगती हैं। हमने पिछले मैच में भी यही कॉम्बिनेशन भेजा था,। हमें लग रहा था कि हम मध्‍य क्रम में थोड़ा पिछड़ रहे थे लेकिन आज हमने हर बॉक्‍स को टिक किया है। अपनी कप्‍तानी के बारे में उन्‍होंने कहा, “यह मौका जो मुझे मिला है, उसमें अलग चुनौतियां हैं। कब किस बल्‍लेबाज को भेजना है और कब गेंद किसको थमानी है, यह सब बहुत ध्यान रखना पड़ता है। शिनेल (हेनरी) और क्रांत‍ि (गौड़) ने काफी अच्‍छा किया है। तो हमने लगभग अच्‍छा ही किया है।”

225 रनों का बचाव करना आसान होता है लेकिन जब सामने वाली टीम की बल्‍लेबाज आक्रामक हो जाएं और वह लगातार प्रहार करती जाएं तो फ‍िर एक समय पर आकर मुश्किल खड़ी हो जाती है। लेकिन दीप्ति ने इस मैच का कोई दबाव नहीं लिया। उन्‍होंने कहा, “दबाव तो नहीं था, लेकिन हमें अच्‍छे स्‍तर पर अपना मैच खत्म करना था और अच्‍छा क्राउड भी आया था। मैंने बस टीम से यही कहा था कि हमें बस लुत्फ लेना है। हम जैसी शुरुआत चाहते थे, वह हमको नहीं मिल पाई लेकिन सभी ने अपना चरित्र दिखाया।”

ऋचा एक समय बहुत ही आक्रामक बल्‍लेबाजी कर रही थीं, जहां से लक्ष्‍य के करीब आना आसान लग रहा था। उसी समय पर कप्‍तान दीप्ति ने उनको डीप मिडविकेट पर कैच आउट करा दिया। जब उनसे इस विकेट के बारे में पूछा गया तो उन्‍होंने कहा कि यह कोई टर्निंग प्‍वाइंट नहीं था। उन्‍होंने कहा, “हम लोग एक राज्‍य और अब एक देश के लिए भी खेल रहे हैं, तो मैंने अपनी ताकत पर काम किया, मैंने यही सोचा जहां फील्ड है उसी ओर गेंदबाजी करनी है और वहीं पर मुझे सफलता मिल गई है। इस टूर्नामेंट के सफर के बारे में जब दीप्ति से पूछा गया तो उन्‍होंने बहुत ही सहजता से इसका जवाब दिया। उन्‍होंने कहा, ” कोई एक टर्निंग प्‍वाइंट नहीं था। सर्वाधिक स्‍कोर हमारा रहा, सर्वाधिक व्‍यक्तिगत स्‍कोर हमारा रहा, चेज में हम जीते और सुपर ओवर में हम जीते। मैं पूरा क्रेडिट टीम को देना चाहती हूं। अगर इस मैच में ओस होती तो हम मुश्किल में होते, लेकिन हमने कुछ अधिक रन बनाए जिससे हमें कुशन मिला।”

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