'अब तेज गेंदबाजों का सामना नहीं कर सकता', भारतीय दिग्गज वीरेंद्र सहवाग का बड़ा बयान - Punjab Kesari
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‘अब तेज गेंदबाजों का सामना नहीं कर सकता’, भारतीय दिग्गज वीरेंद्र सहवाग का बड़ा बयान

क्रिकेट से संन्यास के बाद सहवाग ने किया बड़ा खुलासा

भारतीय क्रिकेट के सबसे आक्रामक सलामी बल्लेबाजों में से एक वीरेंद्र सहवाग ने हाल ही में अपने खेल से जुड़ा एक बड़ा खुलासा किया है। सहवाग, जो अपने समय में किसी भी गेंदबाज के लिए खौफ का दूसरा नाम थे, अब मानते हैं कि वह तेज गेंदबाजों का सामना नहीं कर सकते।

वीरेंद्र सहवाग – गेंद देखो और मारो

सहवाग का खेल हमेशा से आक्रामक रहा है। उनका फॉर्मूला सीधा था – गेंद दिखी, तो शॉट मारो। 2011 वर्ल्ड कप में उन्होंने अधिकतर मैचों की पहली ही गेंद पर चौका जड़ा था। दुनिया के सबसे बेहतरीन तेज गेंदबाजों – डेल स्टेन, जेम्स एंडरसन और उमर गुल के खिलाफ भी वह बिना किसी डर के खेले। हालांकि, समय के साथ सहवाग ने अपने आक्रामक खेल को अलविदा कह दिया और 2015 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया।

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“अब मैं नहीं खेल सकता” – सहवाग

हाल ही में ILT20 लीग में कमेंट्री के दौरान वीरेंद्र सहवाग ने माना कि अब उनकी आंखों और हाथ का तालमेल पहले जैसा नहीं रहा। उन्होंने कहा कि इस कारण तेज गेंदबाजों का सामना करना उनके लिए आसान नहीं है। सहवाग ने यह भी साफ कर दिया कि वह अब किसी भी फ्रेंचाइजी लीग में खेलते हुए नजर नहीं आएंगे।

46 साल के वीरू ने मीडिया से बातचीत में कहा, “अगर कोई भारतीय खिलाड़ी हाल ही में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट और आईपीएल से संन्यास ले चुका है और खेलना चाहता है, तो ILT20 उसके लिए बेहतरीन मंच हो सकता है।” उन्होंने दिनेश कार्तिक का उदाहरण देते हुए कहा कि वह SA20 खेलने के लिए दक्षिण अफ्रीका गए, और ऐसे में कई अन्य भारतीय खिलाड़ी भी विदेशी लीग में खेल सकते हैं।

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“युवराज को खेलते देखना पसंद करूंगा”

सहवाग ने आगे कहा, “मैं इस टूर्नामेंट में युवराज सिंह को खेलते देखना पसंद करूंगा। वह असली ‘सिक्सर किंग’ हैं। मगर मैं अब नहीं खेल सकता। मैं बूढ़ा हो चुका हूं और अब तेज गेंदबाजों का सामना करना मेरे बस की बात नहीं रही।”

क्रिकेट फैंस को वीरू की वापसी की उम्मीद नहीं

वीरेंद्र सहवाग का यह बयान उनके फैंस के लिए थोड़ा निराशाजनक हो सकता है। क्रिकेट प्रेमी हमेशा से उनकी विस्फोटक बल्लेबाजी को मिस करते हैं। हालांकि, वीरू अब पूरी तरह कमेंट्री और क्रिकेट एनालिसिस पर फोकस कर रहे हैं। उनका मानना है कि अब नई पीढ़ी के क्रिकेटर्स को आगे बढ़ने का मौका देना चाहिए।

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