रविचंद्रन अश्विन मैदान पर अपनी शानदार गेंदबाजी और बल्लेबाजी के लिए तो जाने ही जाते हैं, लेकिन उनके व्यक्तित्व का एक और पहलू है जो उन्हें बाकी खिलाड़ियों से अलग बनाता है। अश्विन का कम्युनिकेशन स्किल्स और विचारों को साझा करने का तरीका हर किसी को प्रभावित करता है। उनके इंटरव्यू, यूट्यूब चैनल और हाल ही में आई उनकी किताब इस बात का बड़ा उदाहरण हैं।
गलतफहमियों को तोड़ने की कोशिश
अश्विन ने अपने करियर के आखिरी दौर में यह महसूस किया कि लोगों को यह बताने की जरूरत है कि वह असल में कौन हैं। उनकी पहचान सिर्फ एक क्रिकेटर तक सीमित नहीं है। इसी सोच के साथ उन्होंने अपनी किताब “आई हैव द स्ट्रीट्स: अ कुट्टी क्रिकेट स्टोरी” लिखी। इस किताब के ज़रिए उन्होंने क्रिकेट से जुड़े कुछ मिथकों को तोड़ने और अपनी कहानी लोगों तक पहुंचाने की कोशिश की।
टीम गेम में हर खिलाड़ी का महत्व
अश्विन मानते हैं कि भारतीय क्रिकेट को सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे महान खिलाड़ियों का आशीर्वाद मिला है, लेकिन यह कहना पूरी तरह सही नहीं कि बाकी खिलाड़ी सिर्फ सहायक भूमिका निभाते हैं। अश्विन ने कहा,
“जब लोग भारतीय क्रिकेट की बात करते हैं, तो वो विराट कोहली या रोहित शर्मा की बात करते हैं। जब मैं बड़ा हो रहा था, तब लोग सचिन तेंदुलकर और बाकी सुपरस्टार्स की बात करते थे। लेकिन मेरी कोशिश है कि इस सोच को बदलूं। ये शानदार खिलाड़ी हैं, लेकिन यह कहना कि बाकी खिलाड़ी सिर्फ सहायक हैं, पूरी तरह गलत है।”
‘मैं अपने क्रिकेट का MVP हूं’
अश्विन ने अपनी बात को व्यक्तिगत अनुभव से जोड़ते हुए कहा,
“मेरे लिए, मेरी जिंदगी में, मेरे पिताजी या मां के लिए, मैं ही MVP (मोस्ट वैल्यूएबल प्लेयर) हूं। रोहित, विराट या कोई और नहीं। हर किसी की यात्रा अलग होती है। मेरे लिए, मैं हमेशा से MVP रहा हूं।”
अश्विन की सोच से सीखने की जरूरत
अश्विन की यह सोच बताती है कि हर खिलाड़ी अपनी जगह पर खास होता है। टीम गेम में हर किसी का योगदान मायने रखता है, चाहे वह सुपरस्टार हो या कोई ऐसा खिलाड़ी जो बैकग्राउंड में रहकर मेहनत कर रहा हो। अश्विन ने न सिर्फ मैदान पर बल्कि अपनी बातों से भी यह साबित किया है कि वह भारतीय क्रिकेट के सबसे प्रेरणादायक खिलाड़ियों में से एक हैं।