फाइनल की जंग - Punjab Kesari
Girl in a jacket

फाइनल की जंग

NULL

कोलंबो : लगातार तीन मैचों में जीत से उत्साहित भारत और आक्रामक मूड दिखा रहे बांग्लादेश के बीच निधास ट्राफी टी-20 त्रिकोणीय शृंखला के कल यहां होने वाले फाइनल में रोमांचक मुकाबला होने की संभावना है। भारत की दूसरे स्तर की टीम ने श्रीलंका के खिलाफ पहले मैच में हार के बाद जीत की हैट्रिक लगाई, जबकि बांग्लादेश ने मेजबान देश पर दो नाटकीय जीत से फाइनल में जगह बनाई। बांग्लादेश ने कल रात खेले गये करो या मरो मैच में श्रीलंका को महमुदुल्लाह के आखिरी ओवर में लगाये गये छक्के के दम पर हराया था जिससे उसका काफी आत्मविश्वास बढ़ा होगा। यह मैच हालांकि खेल से इतर के कारणों से चर्चा में रहा।

गुस्साये शाकिब अल हसन ने अपनी टीम को मैदान से बाहर बुलाने का प्रयास भी किया और बांग्लादेशी खिलाड़ियों ने कथित तौर पर ड्रेसिंग रूम को भी नुकसान पहुंचाया। उसके खिलाड़ियों के जज्बे और जुनून की असली परीक्षा हालांकि फाइनल में होगी। भारत की आस्ट्रेलिया या पाकिस्तान के साथ जिस तरह की प्रतिद्वंद्विता रही है, वैसे बंगलादेश के साथ प्रतिद्वंद्विता का कोई इतिहास नहीं रहा है लेकिन विश्व कप 2015 में मेलबर्न में खेले गये क्वार्टर फाइनल मैच के बाद स्थिति थोड़ा बदल गयी। बंगलादेश को लगता है कि तब अंपायरों के कुछ फैसले उसके खिलाफ गये और उस मैच से वह भारत को मैदान पर अपना सबसे बड़ा प्रतिद्वंद्वी मानता है। संयोग से वह रोहित शर्मा का कमर से ऊपर की फुलटास पर दिया गया कैच था जिसे अंपायर ने नोबाल करार दिया था।

बांग्लादेश की टीम और प्रशंसक उस घटना को अभी तक भूले नहीं हैं। यही नहीं विश्व कप 2015 के ‘मौका-मौका’ विज्ञापन को भी बांग्लादेशी प्रशंसक नहीं भूले हैं जिसे वे अब भी अपना अपमान मानते हैं। उसी वर्ष भारत ने बांग्लादेश में एकदिवसीय शृंखला गंवाई थी और तब भारतीय खिलाड़ियों की फोटो शॉप के जरिये गलत अंदाज में पेश की गयी तस्वीरें ढाका की सड़कों पर देखी गयी थी। बंगलादेशी खिलाड़ियों का कौशल उनके जज्बे से हमेशा मेल नहीं खाता लेकिन शाकिब अल हसन, मुशफिकुर रहीम और महमुदुल्लाह के मामले में ऐसा नहीं है। अगर प्रतिभा की बात की जाए तो भारतीय टीम अपने इस प्रतिद्वंद्वी से काफी दमदार नजर आती है।

रोहित और शिखर धवन की सलामी जोड़ी दुनिया भर में अपने बल्ले का लोहा मनवा चुकी है। यह अलग बात है कि जब तमीम इकबाल और लिट्टन दास का दिन होता है तो उनको रोकना भी आसान नहीं होता है। धवन ने टूर्नामेंट में अब तक 200 रन बनाये हैं, जबकि कप्तान रोहित ने इसी प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ लीग मैच में 61 गेंदों पर 89 रन बनाकर फार्म में वापसी की है। मैदान पर उतरने वाले 22 खिलाड़ियों में कोई भी ऐसा नहीं है जिसके पास क्रिकेट के सबसे छोटे प्रारूप में सुरेश रैना जितना अनुभव हो। सौम्या सरकार की उनसे तुलना भी नहीं की जा सकती है। दिनेश कार्तिक और मुशफिकुर रहीम जहां तक बल्लेबाजी का सवाल है तो बराबरी पर हैं लेकिन भारतीय विकेटकीपर ने दबाव की परिस्थितियों में बेहतर प्रदर्शन किया है।

24X7  नई खबरों से अवगत रहने के लिए यहाँ क्लिक करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

fourteen − nine =

Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।