क्रिकेट मैच की बात करें या फिर कोई ओर खेल की बात इसमें निर्णायक की भूमिका बहुत ही जरूरी होती है। जैसे कि क्रिकेट में अम्पायरों की भूमिका काफी ज्यादा होती है क्योंकि अम्पायरों के द्वारा जो भी फैसले होते हैं वह टीम के लिए काफी जरूरी होते हैं। अगर अम्पायर गलत फैसला लेते हैं जो उसकी वजह से टीम मैच गवां भी देती है।
यही वजह है कि अम्पायर बहुत ही सोच समझ कर निर्र्णय लेते हैं। अगर मैदान में खड़े अम्पायरों को जरा सा भी संदेह होता है तो वह तीसरे अम्पायर के पास जाने में थोड़ी से भी देर नहीं करते हैं।
अम्पायरों का एक गलत फैसला पूरे मैच की सूरत ही बदल सकता है। अम्पायर इसी बात का ध्यान रखते हैं कि उनकी अम्पायरिंग भी कोर्ई सूक न हो जाए तभी वह इस दौरान काफी संजीदगी दिखाते हैं।
बीसीसीआई ने भारतीय Umpires Salary में 100 % की बढ़ोतरी की है
इसकी वजह से बीसीसीआई ने अम्पायरों, रेफरी, मैच विश्लेषकों की वेतन में 100 प्रतिशत की वृद्धि कर दी है। बीसीसीआई का यह कदम काफी सराहनीय जा रहा है।
मैच रेफरी, मैच अंपायर, मैच विश्लेषकों और स्कोरर्स की सैलरी में 100 % की बढ़ोतरी
बोर्ड ऑफ कंट्रोल फॉर क्रिकेट इन इंडिया यानी बीसीसीआई ने 2018 घरेलू सत्र के बाद हाल ही में मैच रेफरी, मैच अंपायर, मैच विश्लेषकों और स्कोरर्स की 100 प्रतिशत सैलरी बढ़ा दी है।
बीसीसीआई का यह कदम काफी अद्भुत है। भारत देश के 20 ऐसे अंपायर हैं जो पहली श्रेणी के मैचों में प्रति दिन 40,000 रुपए कमाएंगे। बाकी जो अंपायर हैं वह प्रतिदिन 30,000 रुपए कमाएंगे।
टी-20 मैचों के अम्पायरों की सैलरी में भी बढ़ौतरी
बता दें कि टी-20 मैचों के अम्पायरों की सैलरी में 20,000 की बढ़ौतरी हो रही है। जबकि बाकी अम्पायरों की सैलरी में 15,000 की बढ़ौतरी हुई है तो वहीं मैच रेफरी को पहले 15,000 रुपए प्रति मैच मिलते थे जिन्हें अब बढ़ाकर 30,000 प्रति मैच कर दिया गया है।
भारतीय अम्पायरों की तुलना में पाकिस्तानी अम्पायरों की सैलरी
अगर भारतीय अम्पायरों की तुलना में पाकिस्तानी अम्पायरों की सैलरी में बहुत ज्यादा ही फर्क है। इसे देखकर साफ नजर आता है कि बीसीसीआई अम्पायरों को लेकर किस प्रकार संजीदगी दिखा रही है लेकिन पीसीबी का रवैया बेहद दुर्भाग्यपूर्र्ण है।
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड की बात करें तो वह केवल अंपायरों को प्रतिदिन 6,000 रुपए देता है, जिसमें गैर-फिल्टर के लिए 17.5 प्रतिशत औैर फिल्टर के लिए 10 प्रतिशत है जबकि ग्रेड-1 अंपायरों को प्रतिदिन 5,500 रुपए का भुगतान किया जाता है।
बकौल सबा करीम अम्पायर, रेफरी किसी भी खेल की रीढ़ की हड्डी होते हैं। उनके द्वारा अम्पायरिंग में कि गई मेहनत और ज्ञान का पूरा इस्तेमाल किया जाता है इसी को ध्यान में रखकर पीसीबी को भी इन सभी अम्पायरों की सैलरी बढ़ा देनी चाहिए।
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