नई दिल्ली : कोच बदला, कप्तान बदला, यहां तक कि पूरी टीम बदल डाली लेकिन नहीं बदली तो दिल्ली डेयरडेविल्स की किस्मत जो इंडियन प्रीमियर लीग में लगातार छठे वर्ष प्लेआफ की दौड़ से बाहर हो गयी तथा अब एक और संघर्षरत टीम रायल चैलेंजर्स बेंगलूर के खिलाफ यहां अंतिम स्थान पर आने से बचने के लिये जोर आजमाइश करेगी। डेयरडेविल्स पिछले पांच वर्षों में शीर्ष पांच में जगह बनाने में नाकाम रही थी। इस बार उसने आस्ट्रेलिया के सबसे सफल कप्तानों में से एक रिकी पोंटिंग को कोच बनाया, कोलकाता नाइटराइडर्स को दो खिताब दिलाने वाले गौतम गंभीर को कमान सौंपी, आईपीएल की नयी नीलामी में पूरी टीम बदल डाली लेकिन परिणाम जस का तस रहा और लगातार छठे वर्ष टीम का अंतिम तीन स्थानों पर बने रहना लगभग तय लग रहा है।
गंभीर के बीच में कप्तानी छोड़ने और श्रेयस अय्यर के कमान संभालने के बाद भी दिल्ली डेयरडेविल्स की किस्मत नहीं बदली। बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों विभागों में उसके खिलाड़ी एक इकाई के रूप में खेलने में असफल रहे। क्षेत्ररक्षण में उसने कई बार अक्षम्य गलतियां की और अब आलम यह है कि 11 मैचों में केवल तीन जीत से उसकी टीम लीग चरण के समाप्त होने से एक सप्ताह से भी अधिक समय पहले प्लेआफ की दौड़ से बाहर हो गयी। अब डेयरडेविल्स का सामना ऐसी टीम से जिसकी स्थिति कमोबेश उसी की तरह है।
विराट कोहली की अगुवाई वाली रायल चैलेंजर्स बेंगलूर (आरसीबी) पिछले साल आठवें और अंतिम स्थान पर रही थी। इस बार उसने भी तीनों महत्वपूर्ण विभागों में कभी-कभार एकजुटता दिखायी और उसके भी तीन जीत से केवल छह अंक हैं। अंतर इतना है कि उसने दिल्ली से एक मैच कम खेला है और अगर-मगर की किसी धुंधली तस्वीर को जीवंत बनाये रखने के लिये कल वह डेयरडेविल्स का सामना करेगी।
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