चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) का आईपीएल 2025 का अभियान अब तक बेहद निराशाजनक रहा है। शुक्रवार, 25 अप्रैल को अपने घरेलू मैदान चेपॉक स्टेडियम में सनराइजर्स हैदराबाद के हाथों 5 विकेट से मिली हार ने टीम की प्लेऑफ की उम्मीदों पर लगभग पूर्णविराम लगा दिया है। सनराइजर्स हैदराबाद की यह चेपॉक स्टेडियम में पहली जीत थी, जिसने सीएसके के लिए इस हार को और भी कड़वा बना दिया। यह चेन्नई की नौ मैचों में सातवीं हार थी, और अब टीम अंक तालिका में निचले पायदान की ओर खिसक चुकी है। इस हार के साथ ही अब चेन्नई सुपर किंग्स को प्लेऑफ में पहुंचने के लिए किसी चमत्कार की आवश्यकता है .
धोनी का गुस्सा और बल्लेबाजों पर नाराजगी
मैच के बाद कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने टीम की हार का ठीकरा बल्लेबाजों के सिर फोड़ा। धोनी ने स्पष्ट तौर पर कहा कि टीम कम से कम 15-20 रन कम बना पाई। पहले बल्लेबाजी करते हुए चेन्नई की पूरी टीम 154 रनों पर ऑलआउट हो गई, जबकि एक समय स्कोर 13वें ओवर में 4 विकेट पर 114 रन था। लेकिन अंतिम छह विकेट सिर्फ 40 रन के भीतर गिर गए। धोनी ने कहा, “हम लगातार विकेट गंवाते रहे और मुझे लगता है कि विकेट बैटिंग के लिए ठीक था। 154 रन का स्कोर काफी नहीं था। पिच पर कोई खास टर्न नहीं था और अगर हम कुछ रन और जोड़ते तो मैच का परिणाम अलग हो सकता था।”
गेंदबाजों की मेहनत बेकार गई
धोनी ने अपने गेंदबाजों की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने कड़ी मेहनत की और स्पिनरों ने अच्छे एरिया में गेंदबाजी की। हालांकि, कम स्कोर के चलते मैच को बचा पाना संभव नहीं हुआ। सनराइजर्स ने 18.4 ओवर में 5 विकेट खोकर लक्ष्य हासिल कर लिया। इस निराशाजनक प्रदर्शन के बीच एकमात्र सकारात्मक पहलू 21 वर्षीय बल्लेबाज डेवाल्ड ब्रेविस का शानदार डेब्यू रहा। चोटिल गुरजपनीत सिंह की जगह टीम में शामिल किए गए ब्रेविस ने मुश्किल समय में आकर 25 गेंदों में 42 रन बनाए, जिसमें चार छक्के शामिल थे। उन्होंने विशेषकर स्पिन गेंदबाज कामिंदु मेंडिस के एक ओवर में तीन छक्के जड़कर सभी का ध्यान खींचा।
धोनी ने उनकी तारीफ करते हुए कहा, “ब्रेविस ने बहुत अच्छी बल्लेबाजी की। हमें मध्यक्रम में ऐसी ही बल्लेबाजी की जरूरत है। हम स्पिनरों के खिलाफ मिडल ओवर्स में रन नहीं बना पा रहे हैं, जो हमारी सबसे बड़ी कमजोरी बन गई है।”
अब चेन्नई सुपर किंग्स का अगला मुकाबला 30 अप्रैल को पंजाब किंग्स के खिलाफ उसी चेपॉक स्टेडियम में होगा। टीम को प्लेऑफ की दौड़ में बने रहने के लिए अपने बचे हुए सभी मुकाबले जीतने होंगे और बाकी टीमों के नतीजों पर भी निर्भर रहना होगा।