बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के तीसरे मुकाबले के ड्रा होने के तुरंत बाद रवि आश्विन ने अपने अन्तर्राष्ट्रीय करियर से संन्यास लिया जिसके बाद बहुत से लोगों ने प्रतिक्रिया दी इस बारे में की आश्विन ने अचानक संन्यास क्यों लिया,लेकिन इसके कुछ ही दिन बाद मेलबर्न टेस्ट में इंडिया मेलबर्न में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के चौथे टेस्ट में दो स्पिनरों के साथ उतरी है। रविंद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर दोनों ही भारत की लाइनअप में शामिल हैं,सुन्दर को टीम में गिल की जगह लाया गया । इस बदलाव के बाद भारत के पूर्व कोच रवि शास्त्री ने टिप्पणी की है कि अगर अश्विन को दो स्पिनरों को खिलाने की भारत की रणनीति के बारे में पता होता, तो शायद वह तीसरे टेस्ट के बाद संन्यास की घोषणा नहीं करते।
शास्त्री ने चौथे टेस्ट में कहा, “अगर अश्विन को पता होता कि भारत दो स्पिनरों के साथ खेलेगा, तो शायद वह संन्यास नहीं लेते।” अश्विन ने 106 टेस्ट मैचों में 537 टेस्ट विकेट लेने के बाद बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के बीच में ही अपने अंतरराष्ट्रीय करियर को अलविदा कह दिया था। कप्तान रोहित शर्मा ने संकेत दिया था कि अश्विन का संन्यास भी एक ऐसा फैसला था जो उन्होंने स्पिन गेंदबाजी विभाग के मामले में टीम इंडिया की दिशा को देखते हुए लिया था।
आश्विन ने सीरीज में तीन टेस्ट मैचों में से केवल एक ही खेला था, लेकिन शास्त्री ने कहा कि अगर उन्हें पता होता कि प्लेइंग इलेवन में दो स्थान खाली हैं, तो शायद वह रुक जाते। शास्त्री ने यह भी कहा कि वह शुभमन गिल को लाइनअप से बाहर नहीं करते, बल्कि नीतीश रेड्डी और वाशिंगटन सुंदर में से किसी एक को चुनते। शास्त्री ने इस मामले पर कहा, “यह एक साहसी फैसला है। मैं गिल को चुनता। रेड्डी और वाशिंगटन के बीच चयन करना मुश्किल होता, लेकिन उन्होंने उन पर भरोसा बनाए रखा।”
गिल की फॉर्म खराब चल रही है, उन्होंने भारत के 2020/21 ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान गाबा में 91 रन बनाने के बाद से घर से बाहर 40 या उससे अधिक का स्कोर नहीं बनाया है। दूसरी ओर, नीतीश रेड्डी की लगातार अच्छी पारियां और चौथे तेज गेंदबाज के रूप में उनकी क्षमता ने शायद पलड़ा उनके पक्ष में झुका दिया है।