एनाहेम: भारत की मीराबाई चानू ने भारत को 22 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद भारोत्तोलन विश्व चैंपियनशिप में उसका पहला स्वर्ण पदक दिलाकर गौरवान्वित किया है। मीराबाई ने महिलाओं के 48 किग्रा भार वर्ग में खिताब की दावेदार थाईलैंड की थून्या सुकचारोएन को पराजित कर स्वर्ण पर कब्जा किया और विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण जीतने वाले दो दशकों में भारत की पहली महिला भारोत्तोलक भी बन गयीं।
भारतीय रेलवे में कार्यरत चानू ने स्नैच में 85 किग्रा और क्लीन एंड जर्क में 109 किग्रा भार उठाया और कुल 194 किग्रा भार उठाकर उन्होंने स्वर्ण पर कब्जा किया और साथ ही नया राष्ट्रीय रिकार्ड भी बना दिया। मीराबाई के लिये यह निश्चित ही बहुत बड़ा मंच था और पोडियम पर शीर्ष स्थान पर खड़े होने पर वह काफी भावुक भी दिखाई दीं। इससे पहले ओलंपिक कांस्य पदक विजेता कर्णम मल्लेश्वरी ने वर्ष 1994 और 1995 में दो बार विश्व भारोत्तोलन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीते थे।
इसके अलावा वर्ष 2000 में मलेश्वरी ने ओलंपिक पदक जीता था जो भारत की महिला एथलीट का किसी भी खेल में पहला ओलंपिक पदक भी था। ब्राजील में हुये रियो ओलंपिक में हालांकि चानू का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा था और वह अपने तीनों ही प्रयासों में अनिवार्य भार उठा नहीं पायी थीं।