लगता है, इस बार ऑस्ट्रेलिया भारत के दौरे पर शुभ मुहूर्त देख कर नहीं आई है। शायद इस वजह से ही मेहमानों को एक के बाद दूसरा झटका लगता जा रहा है। पहले तेज गेंदबाज जोस हैज़लवूड अपनी चोट से नहीं उबर पाए तो उन्हें अंतिम दोनों टेस्ट मैचों से बाहर जाना पड़ा। वहीं अब ओपनर बल्लेबाज डेविड वार्नर को भी टीम से बाहर कर दिया गया है। उन्हें दूसरे मुकाबले के पहले इनिंग में बल्लेबाजी करते वक्त चोट लग गया था, जिसकी वजह से उन्हें बीच मैच से ही बाहर जाना पड़ा था और कनेक्शन रिप्लेसमेंट के रूप में मैट रेनशॉ को प्लेइंग-11 में शामिल किया गया था।
जब से ऑस्ट्रेलिया की टीम भारत दौरे पर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी टेस्ट सीरीज खेलने आई है, तबसे ही उनके खेमे में दिक्कत आ रही है। सीरीज शुरू से पहले से ही तेज गेंदबाज मिशेल स्टार्क और ऑलराउंडर कैमरून ग्रीन प्लेइंग-11 का हिस्सा नहीं बने हैं, जिसका असर हमें पहले दो मुकाबलों में साफ देखने को मिला। कप्तान पैट कमिंस भी अपनी फैमिली इश्यू के कारण स्वदेश लौट चुके हैं। अब वॉर्नर और हेजलवुड भी टीम का हिस्सा नहीं हैं। तो पांच शीर्ष खिलाड़ी का टीम से बाहर होना ये संदेश देता है कि अगले दोनों ही मुकाबले में भारतीय टीम का पलड़ा भारी रहने वाला है।
वहीं अगला मुकाबला 1 मार्च से इंदौर के होल्कर स्टेडियम में खेला जाएगा। अब देखना है कि इन पांच खिलाड़ियों की भरपाई कैसे ऑस्ट्रेलिया के बाकी खिलाड़ी करेंगे। वहीं भारतीय टीम काफी मजबूत स्थिति में दिखाई दे रही है। भारत ने 4 टेस्ट मैचों के पहले दोनों टेस्ट मैचों को 3 दिन के अंदर जीत लिया। हालांकि दोनों ही जीत में भारत के ऑलराउंडरों का बोलबाला रहा हैं। ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ियों के बाहर होने का फायदा भले ही भारत को थोड़ा-बहुत हो, मगर खुद ऑस्ट्रेलिया को काफी घाटा होगा।
भारत 3-0,3-1 या 4-0 से सीरीज जीत कर जहां वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में अपनी जगह पक्की करेगा तो वहीं ऑस्ट्रेलिया के उम्मीद पर पानी फिरने के आसार पूरे लग रहे हैं क्योंकि भारत ऑस्ट्रेलिया के इस कमजोरी का पूरा फायदा उठाना चाहेगा। वहीं भारत भी हो सकता है कि अपनी टीम को और मजबूत करने के लिए केएल राहुल को प्लेइंग-11 से बाहर कर शुभमन गिल को मौका दें। तो अब अगले मुकाबले में दोनों टीम की प्लेइंग-11 क्या होगी, ये देखने वाली बात होगी।