नई दिल्ली : बुल्गारिया में डेन कोलोव रेसलिंग विश्व चैंपियनशिप मे भारत के बजरंग पूनिया ने 65 किलो वर्ग मे अपनी ख्याति के अनुरूप प्रदर्शन करते हुए एक बार फिर वर्ल्ड नंबर एक का खिताब अपने पास बनाए रखा है। ओलंपिक पदक विजेता योगेश्वर दत के शिष्य ने रूस के दो नामी पहलवानों को शिकस्त देने के बाद क्रमश बेलारूस और मेजबान बुल्गारिया के पहलवानों को परास्त किया और फाइनल मे अमेरिकी पहलवान को 12-3 से रौंदते हुए ना सिर्फ़ स्वर्ण पदक जीता अपितु अपनी वर्ल्ड नंबर एक पोज़िशन को भी बनाए रखा।
उन्होंने अपना पदक वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान को समर्पित किया है। एशियाड, एशियन चैंपियनशिप और कामनवेल्थ खेलों के स्वर्ण पदक विजेता पहलवान ने विश्व चैंपियनशिप मे एक रजत और एक कांस्य जीते हैं। उसका लक्ष्य अब टोक्यो ओलंपिक है, जिसके लिए वह लगातार तैयारी मे जुटा है और एक ओलंपिक पदक उसे देश का सर्वकलीन श्रेष्ठ पहलवान बना सकता है।
सोनीपत स्थित योगेश्वर दत अकादमी मे द्रोणाचार्य रामफल और गुरु भाई और कोच योगेश्वर से हुनर सीखने वाले बजरंग देश के ऐसे खिलाड़ी हैं जिससे ओलंपिक पदक की उम्मीद की जा रही है। इसमे दो राय नहीं कि वह लगातार प्रगति कर रहा है लेकिन योगी और रामफल मानते हैं कि अगले कुछ महीने उसके लिए ख़ासा महत्व रखते हैं।
(राजेंद्र सजवान)