टीम इंडिया के महान कप्तानों में शामिल सौरव गांगुली के खिलाफ बंगाल क्रिकेट संघ (कैब) में ही अब बगावत के सुर उठने लगे हैं। दरअसल उनसे कैब अध्यक्ष पद छोड़ने की मांग भी की जा रही है। यह विवाद लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लेकर जुड़ा हुआ है। बंगाल क्रिकेट संघ (कैब) के संयुक्त सचिव सुबीर गांगुली ने कैब अध्यक्ष सौरव गांगुली को पत्र भेजकर कहा कि अगर उन्हें ‘कूलिंग ऑफ’ पर जाने के लिए बाध्य किया जाता है तो लोढ़ा समिति के अनुसार यही नियम इस महान क्रिकेटर पर भी लागू होता है।
सुबीर आईपीएल संचालन परिषद के पूर्व सदस्य और कैब के अनुभवी रह चुके हैं। वह राज्य संघ में पूर्व कोषाध्यक्ष बिस्वरूप डे के साथ सौरव गांगुली के विरोधी ग्रुप का हिस्सा हैं। सुबीर ने तीन पेज के इस पत्र में लिखा ‘अगर आप मुझे संयुक्त सचिव के पद पर जारी रखने के लिए अमान्य करार करते हो तो लोढ़ा समिति की सिफारिशों के अनुसार आप भी अपने पद पर काम करना जारी नहीं रख सकते और इसके अनुसार ‘कूलिंग ऑफ’ का तीन साल का समय आपके खिलाफ भी लागू होगा। आपको भी तुरंत प्रभाव से अपना पद छोड़ना होगा।’
सुबीर को हाल ही में संयुक्त सचिव के उनके पद से इस्तीफा देने की सलाह दी गई थी। सुबीर ने राज्य संघ में पदाधिकारी के रूप में नौ साल पूरे करने किए हैं। ये स्थिति तब और गंभीर हो गई जब हाल ही में हुई बंगाल क्रिकेट संघ की वर्किंग कमिटी की बैठक में भी सुबीर को नहीं बुलाया गया।
सुबीर ने वकील से बात करने के बाद कहा कि उनका कार्यकाल अभी पूरा नहीं हुआ है। गांगुली 2014 में कैब सचिव बने थे और वह 2015 में संघ के अध्यक्ष बने थे। जब से इस बारे में सौरव गांगुली से पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘जो सुबीर गांगुली ने कहा है उसके बारे में मैं कुछ नहीं कहूंगा। सभी जानते हैं कि वह पदाधिकारी के रूप में नौ साल पूरे कर चुके हैं, जिसमें कोषाध्यक्ष के रूप में चार साल और संयुक्त सचिव के रूप में पांच साल शामिल हैं।’