जब हम रोते हैं तो हमारे आंसुओं की धार नीचे की ओर गिरती है
लेकिन क्या आप जानते हैं कि जब एक एस्ट्रोनॉट रोता है तो उनके रोना का अनुभव धरती से अलग होता है
क्योंकि जब कोई व्यक्ति धरती पर रोता है तो उनकी आंखों से आंसुओं की धार बहती है या फिर ओस से उड़ जाती है
लेकिन अंतरिक्ष यात्री जब स्पेस में रोते हैं तो उनके आंसू नीचे ओर गिरने के बजाय आंखों के बाहर ही इकट्ठे होने लगते हैं
एस्ट्रोनॉट्स के स्पेस में आंसू न बहने का सबसे आम कारण है ग्रेविटी यानी गुरुत्वाकर्षण
क्योंकि स्पेस में जीरो ग्रेविटी होती है, जिस कारण आंसू आंखों से बहकर नहीं गिरते
बल्कि ये आंसू एक गोलाकार बूंद के रूप में आंखों के पास ही तैरते रहते हैं
बता दें कि सिर्फ आंसू ही नहीं बल्कि सभी चीजें स्पेस में एक जगह स्थिर नहीं रहती और हवा में ही लटकी रहती है