जीवन में सफल होना तो सभी चाहते हैं लेकिन कुछ कारणों से वह सफलता का स्वाद नहीं चख पाते हैं
क्योंकि हम सभी का जीवन एक जैसा नहीं होता है, किसी को मिली हुई चीजों की कदर नहीं होती तो किसी को वह चीजें मिलती नहीं
लेकिन चाणक्य के अनुसार 1 ऐसी चीज है, जो अच्छे से अच्छे काबिल व्यक्ति को भी सफलता से रोक देती है
‘न व्यसनपरस्य कार्यावाप्ति’ चाणक्य नीति में ये एक वाक्य है
इस वाक्य के मुताबिक जो व्यक्ति किसी तरह की बुरी लत में फंसा हुआ है, वह किसी भी काम में सफल नहीं हो सकता है
इसका मतलब है कि ये लोग बुरी लत में फंसे हुए व्यक्ति का सफल होना मुश्किल है। उसका काम भी फलदायक सिद्ध नहीं होता है
इसका कारण है कि उसके कार्यों में न तो कोई उत्साह होता है और न ही दृढ़ता होती है
ऐसे व्यक्ति में आत्म-विश्वास नहीं होता है और उसमें किसी भी तरह की तेजस्विता नहीं होती है