राजस्थान में पिछले 25 सालों से ही सत्ता परिवर्तन का ट्रेंड चलता आ रहा है, जहां 5 साल कांग्रेस तो 5 साल बीजेपी की सरकार का दबदबा दिखती हुई नज़र आती है. जिस कारण ही राजस्थान में होने वाले आगामी चुनाव काफी दिलचस्प माने जाते है. और इस बार बीजेपी की यही तैयारी हो रही है की वो 25 सालों से चलते आ रहे ट्रेंड को बरकरार रखे. साथ ही राजस्थान में SC और ST की सीटें बीजेपी के पक्ष में है, राजस्थान में 200 विधानसभा सीटें हैं जिसमें 59 सीटें जो हैं वो अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के समुदाय के लिए रिजर्व हैं.
इन सीटों पर दोनों दलों की निगरानी
राजस्थान में होने वाले चुनाव के लिए दोनों ही दलों की अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) की सीटों पर नज़र है. राजस्थान में पूरी आबादी की 18 % आबादी अनुसूचित जाति यानी 1. 2 करोड़ लोग SC से सम्बन्ध रखते हैं. और इनके पास 34 विधान सभा की सीटें हैं. जिसमें 50 से ज्यादा जाती और उपजाति के लोग मौजूद हैं. जिस कारण ही राजस्थान में बीजेपी का इन सीटों पर ख़ासा ध्यान रहेगा. अनुसूचित जातियों की आबादी पुरे राजस्थान में फैली हुई है, जिसमें गंगानगर, हनुमानगढ़ और बीकानेर जैसे जिले शामिल है.
इस तरह बढ़ा दबदबा
साल 2008 के बाद से ही SC सीटों पर भारतीय जनता पार्टी का दबदबा रहा है. 2008 के बाद से बीजेपी सरकार को राजस्थान के हर चुनाव में SC के सीटों में से 35 फ़ीसदी वोटों को अपने नाम किया. वहीँ 2019 में उन्हें 57 % वोट मिले थे. वहीँ 2018 के विधानसभा चुनाव में 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ही सीटों और वोटों के मामले में जप से आगे निकली थी. और तब बीजेपी को 1.57 फ़ीसदी ही कम वोट मिले थे.