जल संग्रहण स्तर कम हुए प्रमुख जलाशयों में राजस्थान भी शामिल - Punjab Kesari
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जल संग्रहण स्तर कम हुए प्रमुख जलाशयों में राजस्थान भी शामिल

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देश के 91 प्रमुख जलाशयों में जल संग्रहण का स्तर 109.373 बीसीएम आंका गया है जो इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 69 % है। जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय की विज्ञप्ति के मुताबिक, 2 नवंबर 2017 को समाप्त सप्ताह के दौरान देश के 91 प्रमुख जलाशयों में 109.373 बीसीएम जल संग्रहण आंका गया। यह इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 69 प्रतिशत है। 26 अक्टूबर 2017 को समाप्त सप्ताह के दौरान यह 70 प्रतिशत था।

यह इन प्रमुख जलाशयों के जल संग्रहण में एक प्रतिशत की कमी को दर्शाता है। इन 91 जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता 157.799 बीसीएम है, जो देश की अनुमानित कुल जल संग्रहण क्षमता 253.388 बीसीएम का लगभग 62 प्रतिशत है। इन 91 जलाशयों में से 37 जलाशय ऐसे हैं जो 60 मेगावाट से अधिक की स्थापित क्षमता के साथ पनबिजली संबंधी लाभ देते हैं।

मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, उत्तरी क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश, पंजाब तथा राजस्थान आते हैं। इस क्षेत्र में 18.01 बीसीएम की कुल संग्रहण क्षमता वाले छह जलाशय हैं, जो केन्द्रीय जल आयोग (सीडब्यूसी) की निगरानी में हैं। इन जलाशयों में कुल उपलब्ध संग्रहण 13.14 बीसीएम है, जो इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 73 प्रतिशत है। पिछले वर्ष की इसी अवधि में इन जलाशयों की संग्रहण स्थिति 67 प्रतिशत थी।

पूर्वी क्षेत्र में झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल एवं त्रिपुरा आते हैं। इस क्षेत्र में 18.83 बीसीएम की कुल संग्रहण क्षमता वाले 15 जलाशय हैं, जो सीडब्ल्यूसी की निगरानी में हैं। इन जलाशयों में कुल उपलब्ध संग्रहण 14.81 बीसीएम है, जो इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 79 प्रतिशत है। पिछले वर्ष की इसी अवधि में इन जलाशयों की संग्रहण स्थिति 84 प्रतिशत थी।

पश्चिमी क्षेत्र में गुजरात तथा महाराष्ट्र आते हैं। इस क्षेत्र में सीडब्ल्यूसी की निगरानी में 27.07 बीसीएम की कुल संग्रहण क्षमता वाले 27 जलाशय हैं। इन जलाशयों में कुल उपलब्ध संग्रहण 20.57 बीसीएम है, जो इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 76 प्रतिशत है। पिछले वर्ष की इसी अवधि में इन जलाशयों की संग्रहण स्थिति 84 प्रतिशत थी।

मध्य क्षेत्र में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश तथा छत्तीसगढ़ आते हैं। इस क्षेत्र में 42.30 बीसीएम की कुल संग्रहण क्षमता वाले 12 जलाशय हैं, जो सीडब्ल्यूसी की निगरानी में हैं। इन जलाशयों में कुल उपलब्ध संग्रहण 26.11 बीसीएम है, जो इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 62 प्रतिशत है। पिछले वर्ष की इसी अवधि में इन जलाशयों की संग्रहण स्थिति 89 प्रतिशत थी।

दक्षिणी क्षेत्र में आंध प्रदेश, तेलंगाना तथा दोनों राज्यों में दो संयुक्त परियोजनाएं, कर्नाटक, केरल एवं तमिलनाडु आते हैं। इस क्षेत्र में 51.59 बीसीएम की कुल संग्रहण क्षमता वाले 31 जलाशय हैं, जो सीडब्ल्यूसी की निगरानी में हैं। इन जलाशयों में कुल उपलब्ध संग्रहण 33.75 बीसीएम है, जो इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 65 प्रतिशत है। पिछले वर्ष की इसी अवधि में इन जलाशयों की संग्रहण स्थिति 47 प्रतिशत थी।

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