राजस्थान से करीबी रिश्ता रहा वाजपेयी का  - Punjab Kesari
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राजस्थान से करीबी रिश्ता रहा वाजपेयी का 

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जयपुर : एक राजनेता, प्रधानमंत्री और एक दोस्त के रूप में अटल बिहारी वाजपेयी का राजस्थान से हमेशा नजदीकी रिश्ता रहा। वह पूर्व उपराष्ट्रपति भैरोंसिंह शेखावत हों, पोकरण या शिवकुमार किसी न किसी बहाने वाजपेयी की डोर राजस्थान से बंधी रही। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित अखिल आयुर्विज्ञान संस्थान में आज निधन हो गया। जनसंघ की पहली पीढ़ी के तीन प्रमुख नेताओं में से एक भैंरोसिंह शेखावत से वाजपेयी की दोस्ती किसी से छुपी नहीं थी। शेखावत की बेटी की शादी में उन्होंने जयपुर में परिवार के प्रमुख सदस्य के रूप में सारे रस्मों रिवाज निभाए।

शेखावत जब उपराष्ट्रपति बने तो वाजपेयी ने उन्हें बधाई देते हुए कहा था कि ‘मिट्टी की धूल माथे पर चंदन का तिलक बनकर उभरी है।’ उन्होंने अपने अन्य मित्रों की सूची में जिन लोगों को शामिल किया था उनमें शेखावत के अलावा राजस्थान के ही जसवंत सिंह भी रहे। वाजपेयी के बससे करीबी लोगों में शिवकुमार पारीक को कैसे भूला जा सकता है। जयपुर के रहने वाले शिवकुमार 1957 में एक सहयोगी व बाडीगार्ड के रूप में वापजेयी के साथ जुड़े । वह दशकों तक निजी सहायक ही नहीं बल्कि उनके पारिवारिक सदस्य के रूप में वाजपेयी के हर राजनीतिक उतार-चढ़ाव के साक्षी भी रहे। वाजपेयी के तीन सबसे पसंदीदा स्थानों से एक राजस्थान का माउंट आबू था।

राजस्थान के पोकरण में परमाणु परीक्षण करवाकर वाजपेयी ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की छवि को बदल दिया। ‘आप्रेशन शक्ति’ के तहत मई 1998 में पोकरण की धरती परमाणु परीक्षणों से थरथरा गयी और वाजपेयी ने कहा कि पोकरण परमाणु परीक्षण ने दुनिया को दिखा दिया था कि भारत महान वैज्ञानिकों की भूमि है। इसी दिन वाजपेयी ने लाल बहादुर शास्त्री के ‘जय जवान जय किसान’ नारे में ‘जय विज्ञान’ जोडा था।

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