अलवर लोकसभा उपचुनाव में मतदान के दौरान पोलिंग टीम की एक बड़ी गलती सामने आई है। मतदान के दौरान पोलिंग टीम मॉक पोल के दौरान डाले गए वोटों को ईवीएम में से क्लियर करना भूल गई। इस गलती का खमियाज़ा किसी भी प्रत्याशी को भुगतना पड़ सकता था। दरअसल, पोलिंग टीम मॉक पोल के दौरान डाले गए वोटों को ईवीएम में से हटाना भूल गई थी। इस गलती की वजह से मॉक वोट भी मुख्य वोट में काउंट हो रहे हैं। यह मामला मुंडावर के ढहलावास व राजगढ़-लक्ष्मणगढ़ के ठूमरेला मतदान केंद्र का बताया गया है।
ढहलावास मतदान केंद्र पर 705 मतदाता पंजीकृत थे। यहां सभी प्रत्याशियों के लिए 5-5 वोट मॉक पोल के दौरान डाले गए। जब कंट्रोल यूनिट में मतदाताओं की संख्या चैक की गई तो यह संख्या 765 आ रही थी। मामले की जांच की गई तो सामने आया कि मॉक पोल के दौरान डाले गए वोटों को लिफाफे में तो सील कर दिया गया, लेकिन कंट्रोल यूनिट से उन 60 वोटों को मतदान कर्मी क्लियर करना भूल गए। ऐसे में कुल मतों की संख्या 705 के स्थान पर 765 आ रही है। लगभग ऐसा ही मामला राजगढ़-लक्ष्मणगढ़ विधानसभा के ठूमरेला मतदान केंद्र पर हुआ। यहां बीच में वीवी पैट बदलने के कारण मॉक पोल करा दिया और उन वोटों को क्लियर करना भूल गए।
यहां मॉक पोल के दौरान डाले गए 12 वोटों का अंतर कंट्रोल यूनिट में आ रहा था। इन दोनों मामलों के सामने आने के बाद पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में सभी प्रत्याशियों की सहमति के बाद यह तय किया गया कि काउंटिंग के समय मॉक पोल के दौरान डाले गए वोटों को कम करते हुए मतगणना की जाएगी। चुनाव आयोग को दोनों बूथों पर हुए इस मामले से अवगत करा दिया गया था। प्राप्त निर्देशों के अनुसार इन दोनों बूथों की मतगणना वीवीपैट की पर्चियों से कराई जाएगी। वैसे सभी प्रत्याशी व अभिकर्ताओं की सहमति बन गई थी कि मतगणना में मॉक पोल के वोटों को कम कर लिया जाएगा।
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