अखिल मेवाड़ क्षेत्र जाट महासभा को संबोधित
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ रविवार को चित्तौड़गढ़ पहुंचे। यहां उन्होंने मेवाड़ के हरिद्वार कहे जाने वाले चित्तौड़गढ़ स्थित मातृकुंडिया में भगवान शिव के मंदिर में दर्शन-पूजन किया। इसके बाद उन्होंने अखिल मेवाड़ क्षेत्र जाट महासभा को संबोधित किया। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अखिल मेवाड़ क्षेत्र जाट महासभा को संबोधित करते हुए कहा, “मैं यहां 25 साल बाद आया हूं। 25 साल पहले इसी जगह पर सामाजिक न्याय की लड़ाई की शुरुआत की थी। जाट और कुछ जातियों को आरक्षण मिला। आज उसके नतीजे देश और राज्य की प्रशासनिक सेवाओं में मिल रहे हैं। उसी सामाजिक न्याय पर, उसी आरक्षण पर जिनको लाभ मिला है, आज वो सरकार में प्रमुख पदों पर हैं। उनसे मेरा आग्रह रहेगा, पीछे मुड़कर जरूर देखें और कभी नहीं भूलें, इस समाज के सहयोग की वजह से, इस समाज के प्रयास की वजह से हमें सामाजिक न्याय मिला है।”
उन्होंने किसानों को देश के विकास की आर्थिक रीढ़ बताया। उन्होंने कहा कि किसान देश का अन्नदाता है, भाग्य विधाता है। किसान के हाथ में विकास की कुंजी है और यही उसकी सबसे बड़ी पूंजी है। किसान के सबल हाथों में राजनीतिक ताकत है, आर्थिक योग्यता है। किसान को किसी की मदद का मोहताज नहीं होना चाहिए।
उपराष्ट्रपति ने अखिल मेवाड़ क्षेत्र जाट महासभा को संबोधित करते हुए कहा, “मेरा आग्रह किसानों से है, किसान के बेटे-बेटी से है। दुनिया का सबसे बड़ा व्यापार, बेशकीमती व्यापार, कृषि उत्पादन का है। किसान अपने उत्पाद के व्यापार से क्यों नहीं जुड़ा हुआ है? किसान उसमें क्यों नहीं भागीदारी ले रहा है? अधिक से अधिक किसानों को सहकारिता का फायदा लेते हुए, कृषि उत्पादन के व्यवसाय में लगनशील रूप से कार्यरत करना चाहिए।”