यौन शोषण केस में जेल में बंद आसाराम पर फैसले का काउंट डाउन शुरू हो चुका है। 25 अप्रैल यानी बुधवार को जोधपुर कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी। आसाराम को इस केस में न्यूनतम 3 साल और अधिकतम उम्र कैद की सजा हो सकती है, लेकिन जो भी सजा होगी, आसाराम ने जितने साल जेल में बिताए हैं, वो सजा कम हो जाएगी।
यदि आसाराम इस केस में बरी भी हो जाते हैं, तो भी वो जेल से नहीं छूटेंगे। दूसरे केस लिए उन्हें अहमदाबाद पुलिस को सौंप दिया जाएगा। आसाराम पर 15 और 16 अगस्त 2013 की दरम्यानी रात एक लड़की ने सनसनीखेज़ आरोप लगाया था। आरोप है कि जोधपुर के एक फार्म हाउस में आसाराम ने इलाज के बहाने उसका यौन उत्पीड़न किया था।
दिल्ली के कमलानगर थाने में 19 अगस्त 2013 को आसाराम पर एफआईआर दर्ज की गई। आसाराम पर ज़ीरो नंबर की एफआईआर दर्ज हुई। एफआईआर में आईपीसी की धारा 342, 376, 354-ए, 506, 509/34, जेजे एक्ट 23 व 26 और पोक्सो एक्ट की धारा 8 के तहत केस दर्ज हुआ। दिल्ली के लोक नायक अस्पताल में पीड़िता का मेडिकल कराया गया।
31 अगस्त 2013 को इंदौर से आसाराम को गिरफ्तार किया गया। जोधपुर सेशन कोर्ट में आरोप तय किये गए। आरोप पत्र में 58 गवाह पेश किये गए, जबकि अभियोजन पक्ष की तरफ से 44 गवाहों ने गवाही दी। 11 अप्रैल 2014 से 21 अप्रैल 2014 के दौरान पीड़िता के 12 पेज के बयान दर्ज किये गए। 4 अक्टूबर 2016 को आसाराम के मुल्जिम बयान दर्ज किए गए।
22 नवम्बर 2016 से 11 अक्टूबर 2017 तक बचाव पक्ष ने 31 गवाहों के बयान दर्ज कराए। इसके साथ ही 225 दस्तावेज जारी किए। एससी-एसटी कोर्ट में 7 अप्रेल को बहस पूरी हो गई और कोर्ट ने फैसला सुनाने की तारीख 25 अप्रेल तय कर दी। पुलिस की चार्जशीट में आसाराम को नाबालिग छात्रा को समर्पित करवा कर यौन शोषण करने का आरोपी माना है।
वहीं, इस केस में सुनाए जाने वाले फैसले के मद्देनजर आसाराम ने अपने भक्तों को एक चिट्ठी लिखी है। इसमें उन्होंने अपने भक्तों से कहा है कि वे फैसले के दिन जोधपुर न आएं। जहां भी रहें, उनकी रिहाई के लिए प्रार्थना करें और कानून का पालन करें. वे जोधपुर आकर अपना धन और समय बर्बाद न करें। उन्हें भगवान पर भरोसा है।
आसाराम के भक्तों के मुताबिक, पूरे देश से उनके समर्थक 25 अप्रैल को फैसले के दिन जोधपुर जाने की तैयारी कर रहे थे। इसी बीच आसाराम ने जेल से भक्तों को चिट्ठी भेज दी है। इसके बाद सभी लोगों ने अपनी-अपनी जगह पर रहकर उनकी रिहाई के लिए प्रार्थना करने की बात कही है। उन्हें विश्वास है कि आसाराम रिहा हो जाएंगे।
उधर, राजस्थान पुलिस ने इस फैसले के मद्देनजर अपनी कमर कस ली है। जोधपुर में बड़ी संख्या में आसाराम के समर्थकों के पहुंचने की आशंका को देखते हुए 21 से 30 अप्रैल तक अगले 10 दिन के लिए धारा 144 लागू कर दी गई है। इतना ही नहीं राम रहीम केस जैसा हाल न हो जाए, इसलिए जेल के अंदर ही कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी।
पुलिस को डर है कि यदि आसाराम को फैसले के दिन जेल से कोर्ट लाया गया, तो पंचकूला की तरह हिंसा भड़क सकती है। इसलिए पुलिस ने मांग की थी कि कोर्ट जब आसाराम पर फैसला सुनाए, तो सुरक्षा कारणों से उन्हें जेल में ही रखा जाए. कोर्ट ने जोधपुर पुलिस की याचिका स्वीकार कर ली। इसके साथ ही जेल में ही कोर्ट लगाने का निर्देश दिया।
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