राजस्थान में सीएम पद को लेकर तकरार जारी है। अशोक गहलोत द्वारा लगातार सचिन पायलट के ऊपर आरोप लगाए जा रहे है। अब तो गहलोत ने भी सामने से पायलट के ऊपर हमला बोलना शुरू कर दिया है। लेकिन, इन सब के बावजूद पायलट गुट ने चुप्पी साधी है।
गहलोत ने विधायकों का किया समर्थन
दरअसल, बीते दिन अशोक गहलोत ने साल 2020 का एक मामले का जिक्र कर दिया है, जिसके बाद लोगों को पायलट की बगावत फिर से याद आ गई है। गहलोत ने अपने बयान में इस्तीफा देने वाले विधायकों का खुलकर समर्थन किया है। गहलोत ने कहा, ‘नेतृत्व को ये बात याद रखनी चाहिए कि जब सरकार पर संकट आया था तो उन 102 विधायकों ने कदम से कदम मिलाकर पार्टी का साथ दिया था। अगर विधायक किसी चीज़ के लिए आवाज उठा रहे तो हमें ये ध्यान रखना होगा कि वो ऐसा क्यों कर रहे है ?इसके पीछे की मंशा क्या है ?’
मंत्री ने नेतृत्व को चेताया
बता दें, गहलोत गुट के मंत्री शांति धारीवाल ने अपने बयान में सचिन पायलट पर इशारों- इशारों में निशाना साधते हुए कहा, ‘साल 2020 हम नहीं भूल सकते है, जब कुछ विधायकों ने पार्टी से बगावत की थी, जिनका साथ बीजेपी ने भी दिया था। जिस षडयंत्र ने पंजाब खोया, वो राजस्थान भी खोने जा रहा है। हम लोग संभल जाएं। तभी राजस्थान बचेगा। वरना राजस्थान भी हाथ से जाएगा। अगर विधायकों के सलाह के बिना कोई निर्णय लिया गया तो सरकार चल पाना मुश्किल होगा। ‘
हम आपको बता दें, गहलोत गुट के विधायक सचिन पायलट को सीएम पद पर नहीं देखना चाहते है। वो चाहते है कि गहलोत ही सीएम बने रहे। या फिर उन 102 विधायकों में से किसी को सीएम बना दिया जाए, जिन्होंने साल 2020 में सरकार गिरने से बचाने में मदद की थी। विधायकों की मांग पर अभी तक कांग्रेस हाईकमान ने कोई निर्णय नहीं लिया है।