इलेक्टोरल बॉण्ड भारत के लोकतंत्र के सबसे बड़े घपलों में एक है। इलेक्टोरल बॉन्ड ने पूरी चुनाव व्यवस्था को सत्ताधारी पार्टी के पक्ष में कर दिया है। भाजपा उद्योगपतियों पर एक तरफा दबाव बनाती है जिसके कारण इलेक्टोरल बॉण्ड से अधिकांश चन्दा भाजपा को मिलता है।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) April 12, 2022
गहलोत ने चुनावी बॉन्ड को लेकर कहा…
गहलोत ने इसके साथ ही कहा है कि उच्चतम न्यायालय को इस बांड के संबंध में दायर याचिकाओं पर शीघ्र फैसला देकर इस पर रोक लगानी चाहिए। उन्होंने इस बारे में एक अखबार के संपादकीय के हिंदी अनुवाद को साझा करते हुए ट्वीट किया है, ‘‘चुनावी बॉन्ड भारत के लोकतंत्र के सबसे बड़े घपलों में एक है। चुनावी बांड ने पूरी चुनाव व्यवस्था को सत्ताधारी पार्टी के पक्ष में कर दिया है।’’
बॉन्ड में चन्दा देने वाले की जानकारी भी पता नहीं लगती
दरअसल, भाजपा उद्योगपतियों पर एकतरफा दबाव बनाती है जिसके कारण चुनावी बांड से अधिकांश चन्दा भाजपा को मिलता है। इन बॉन्ड में चन्दा देने वाले की जानकारी भी पता नहीं लगती इसलिए ये बांड कालेधन को चुनावों में इस्तेमाल लेने का एक तरीका बन रहे हैं।’मुख्यमंत्री ने कहा,‘‘माननीय उच्चतम न्यायालय को चुनावी बांड के संबंध में दायर याचिकाओं पर शीघ्र फैसला देकर इन पर रोक लगानी चाहिए जिससे सभी पार्टियों को समान अवसर मिल सके।’’