बिहार की राजधानी पटना की एक विशेष अदालत ने आपराधिक विश्वासघात और अनुसूचित जाति-जनजाति अधिनियम के आरोपों के तहत दाखिल एक मुकदमे में जेल में बंद राजस्थान के पत्रकार दुर्ग सिंह को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया।
अनुसूचित जाति एवं जनजाति उत्पीड़न निरोधक अधिनियम के विशेष प्रभारी न्यायाधीश मनोज कुमार सिन्हा ने राजस्थान के बाड़मेर जिले के एक पत्रकार दुर्गेश सिंह उर्फ दुर्ग सिंह की ओर से दाखिल की गई नियमित जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद उसे पांच हजार रुपये के निजी मुचलके के साथ उसी राशि के दो जमानतदारों का बंधपत्र (बॉन्ड पेपर) दाखिल करने के बाद जेल से रिहा किए जाने का आदेश दिया। अदालत ने अभियुक्त पत्रकार को अगली तिथि पर सशरीर उपस्थित रहने का आदेश दिया है। मामला विशेष शिकायती मुकदमे पर आधारित है।
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आरोप के अनुसार, शिकायतकर्ता राकेश पासवान को अभियुक्त पत्रकार दुर्ग सिंह ने पत्थर की मजदूरी के लिए राजस्थान ले गया था और उसकी 75 हजार रुपये की मजदूरी हड़प ली। साथ ही अभियुक्त ने 07 मई 2018 को दीघा थाना क्षेत्र स्थित गेट संख्या 90 के निकट अपने सहयोगियों के साथ पहुंचकर राकेश के साथ मारपीट की और जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया।