राजस्थान: CM गहलोत ने मंत्रियों को बांटे विभाग, पायलट गुट के चहेतों को दिए गए ये मंत्रालय - Punjab Kesari
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राजस्थान: CM गहलोत ने मंत्रियों को बांटे विभाग, पायलट गुट के चहेतों को दिए गए ये मंत्रालय

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने होम, फाइनेंस व आईटी एंड कम्यूनिकेशन समेत कई मंत्रालय अपने पास रखे हैं।

राजस्थान की गहलोत सरकार में काफी उथल-पुथल के बाद गुटबाजी समाप्त हुई और इस मसले पर कांग्रेस आलाकमान ने भी राहत की सांस ली। तो अब रविवार को शपथ लेने वाले मंत्रियों के विभागों का बंटवारा हो गया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने होम, फाइनेंस व आईटी एंड कम्यूनिकेशन समेत कई मंत्रालय अपने पास रखे हैं।  
सचिन पायलट समर्थकों को मिले ये मंत्रालय  
विभागों के बंटवारे में सचिन पायलट गुट से मंत्री बने विधायकों का भी भी खास ख्याल रखा गया है। इसमें हेमाराम चौधरी को फॉरेस्ट, एन्वॉयर्नमेंट एंड क्लाइसमेट चेंज मिनिस्ट्री दी गई है। वहीं रमेश मीणा को पंचायती राज और ग्रामीण विकास मंत्रालय दिया गया है। विश्वेंद्र सिंह के हिस्से पर्यटन और सिविल एविएशन मिनिस्ट्री आई है। बृजेंद्र ओला को परिवहन एवं सड़क सुरक्षा (स्वतंत्र प्रभार), मुरारीलाल मीणा को एग्रीकल्चर मार्केटिंग, स्टेट (स्वतंत्र प्रभार) की जिम्मेदारी मिली है। 

कई दिग्गज नेताओं पर जताया गया भरोसा, नहीं बदले विभाग  
वहीं, नगरीय विकास शांति धारीवाल के पास ही रहेगा। कई पुराने मंत्रियों के विभागों को भी नहीं बदला गया है। इनमें ममता भूपेश, प्रमोद जैन भाया आदि को यथावत रखा गया है। नए शिक्षा एवं कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ.बीडी कल्ला होंगे। जबकि चिकित्सा विभाग परसादी लाल मीणा को सौंपा गया है। 
डॉ. महेश जोशी जलदाय के मंत्री होंगे जबकि प्रताप सिंह खाचरियावास के पास से परिवहन लेकर खाद्य मंत्रालय दिया गया है। रामलाल जाट को राजस्व मंत्रालय दिया गया है। टीकाराम जूली को सामाजिक न्याय, गोविंदराम आपदा एवं प्रबंधन, महेन्द्रजीत सिंह मालवीय को सिंचाई, शकुन्तला रावत को उद्योग दिया गया है।  
इन मंत्रियों को मिला ये मंत्रालय  
इसी तरह राजेन्द्र गुढ़ा को उच्च शिक्षा, भंवर सिंह भाटी को ऊर्जा (स्वतंत्र प्रभार),  राजेंद्र सिंह यादव को गृह राज्य मंत्री, सुभाष गर्ग को तकनीकी शिक्षा, आयुर्वेद (स्वतंत्र प्रभार),  सुखराम विश्नोई  को श्रम (स्वतंत्र प्रभार) एवं  राजेंद्र सिंह गुढ़ा को सैनिक कल्याण, होम गार्ड एंड सिविल डिफेंस (स्वतंत्र प्रभार) की जिम्मेदारी दी गई है।  
असंतोष के स्वर अब भी बरकरार, लगाई प्रियंका गांधी वाड्रा से गुहार  
राजनीतिक हलकानों में चल रही खबरों के अनुसार,  इस बदलाव में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा का प्रभाव नजर आया। हालांकि असंतोष के स्वर अब भी बरकरार हैं। कई विधायकों ने मंत्री नहीं बनाए जाने पर नाराजगी जताई है। बसपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने वाले पांच विधायकों ने भी सत्ता में भागीदारी नहीं मिलने पर नाराजगी जताई है। हालांकि इन विधायकों को मनाने की कोशिश शुरू हो गई है।

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