राजस्थान में जल्द ही कैबिनेट का विस्तार होगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को एक कार्यक्रम में इसकी जानकारी दी। अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल में फेरबदल जल्द ही किया जाएगा। सचिवालय कर्मचारी संघ की नवगठित कार्यकारिणी के शपथ ग्रहण समारोह को संबोधित करते हुए गहलोत ने कहा, ‘मंत्रिमंडल पुनर्गठन जल्द होगा।एक भाषण के दौरान तब असहज हो गए जब राज्य में शिक्षकों की ओर से कहा गया कि उन्हें ट्रांसफर के लिए स्थानीय विधायकों की पैरवी करनी पड़ती है इसके साथ ही घूस देना पड़ता है. यह तब हुआ जब राज्य के शिक्षा मंत्री, गोविंद डोटासरा, मंच पर मौजूद थे.
अशोक गहलोत की स्पीच का एक छोटा सा अंश ऑनलाइन वायरल हो रहा है। इसमें मुख्यमंत्री खुद शिक्षकों को नकद भुगतान करने का मुद्दा उठाते हुए दिखाई दे रहे हैं और भीड़ से पूछते हैं कि क्या यह सच है। इस पर हॉल में सभी लोग जोर से हंसने लगे और तालियों की गड़गड़ाहट के साथ एक सुर में हां में जवाब दिया।
ट्रांसफर नीति बनाने की कही बात
इसके बाद तो जैसे मुख्यमंत्री के पास बोलने के लिए कोई शब्द ही नहीं रहे और फिर उन्होंने शिकायत पर गौर करने का वादा किया। उन्होंने कहा, “यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि शिक्षकों को स्थानांतरण के लिए पैसे देने की जरूरत है। एक नीति बनाई जानी चाहिए, जिसमें शिक्षकों को पता हो कि दो साल बाद उनका ट्रांसफर होगा या कब होगा, ताकि उन्हें इस समस्या से निजात मिले।”इसके बाद शिक्षा मंत्री डोटासरा ने शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि “यह दिक्कत (स्थानांतरण के लिए नकद भुगतान) शिक्षकों के स्थानांतरण के लिए एक नीति के कार्यान्वयन के साथ समाप्त हो जाएगा।”
शिक्षकों ने हकीकत से कराया रूबरू- BJP
राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट किया, “शिक्षक सम्मान समारोह में शिक्षा मंत्री जी की उपस्थिति में CM अशोक गहलोत ने ट्रांसफर के लिए पैसे देने की बात पूछी तो सभी शिक्षकों ने एकस्वर में ‘हां’ में जवाब दिया। शिक्षक समाज का दर्पण होता है, जो कभी झूठ नहीं बोल सकते। आज शिक्षकों ने सरकार का भ्रष्ट चेहरा सभी को दिखाया है।”उन्होंने आगे कहा, “जन घोषणा पत्र में ‘Zero Discretion, Zero Corruption & Zero Tolerance’ के सिद्धांत पर काम करने का वादा करने वाली गहलोत सरकार के शासन में भ्रष्टाचार की गंगोत्री बह रही है जिसमें सभी गोते लगा रहे हैं। आज हमारे शिक्षकों ने मुखिया जी को इस हकीकत से भी रूबरू करवा दिया है।”
राठौड़ ने कहा कि शिक्षा विभाग तो एक बानगी है। कांग्रेस राज में किसी भी सरकारी विभाग में ट्रांसफर हो या अन्य कार्य, बिना रिश्वत के कोई काम नहीं होता। ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश के 64 फीसदी नागरिकों ने भी स्वीकारा है कि सरकार में बिना रिश्वत के कोई काम नहीं करवाया जा सकता है।