राष्ट्रीय राजधानी में गहलोत और सचिन पायलट खेमे के बीच शांति वार्ता की खबरों के बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर आदिवासी क्षेत्र बांसवाड़ा में अपनी एक सभा के दौरान हॉर्स ट्रेडिंग का पुराना मामला उठाया। मुख्यमंत्री गहलोत ने 2020 के विद्रोह के दौरान कांग्रेस सरकार को गिरने से बचाने वाली एक आदिवासी महिला विधायक की भूमिका का उल्लेख करते हुए कहा, लोग रमिला खड़िया के लिए नकदी की गड्डियां लेकर आए और उसे उसकी कार में रख दिया, लेकिन उसने उसमें कोई दिलचस्पी न दिखाते हुए उन्हें वापस भेज दिया।
नहर परियोजना के शिलान्यास के दौरान रमिला की प्रशंसा की
मुख्यमंत्री ने बार-बार संकेत दिया है कि भाजपा 2020 के विद्रोह के दौरान कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रही थी। अपना आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, मैं रमिला को कैसे भूल सकता हूं जिसने हमारी सरकार को बचाने में इतनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने उपस्थित लोगों से उसके लिए तालियां बजाने को कहा। सीएम ने बांसवाड़ा दौरे के दूसरे दिन मगराड़ा में 2,500 करोड़ रुपये की ऊपरी उच्च स्तरीय नहर परियोजना के शिलान्यास के दौरान रमिला की प्रशंसा की।
केंद्र सरकार ने परियोजना को आगे नहीं बढ़ाया
उन्होंने कहा, अगर वह कुछ भी मांगती है तो मैं कभी भी रमीला को मना नहीं कर सकता। वह नहीं होती तो मैं आज मुख्यमंत्री के रूप में आपके सामने खड़ा नहीं होता। उसने हमारी सरकार को बचाया जो मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की तरह गिरने की कगार पर थी। लेकिन इस महिला ने एक रुपया भी न लेकर बहुत ही हिम्मत का काम किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका एक मात्र अधूरा सपना है। रतलाम-बांसवाड़ा रेल परियोजना आगे नहीं बढ़ सकी। यूपीए सरकार ने इस परियोजना को शुरू किया, लेकिन फिर सरकार बदल गई और केंद्र सरकार ने इस परियोजना को आगे नहीं बढ़ाया। बाद में इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।