राजस्थान विधानसभा शुक्रवार को मानसून सत्र के बाद अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गयी। 14वीं विधानसभा का यह मानसून सत्र केवल तीन दिन का रहा जिसमें ज्यादातर समय हंगामे की भेंट चढ़ गया।
सत्र के अंतिम दिन आज कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित किए गए जिनमें जयपुर जलप्रदाय और मलवहन बोर्ड विधेयक तथा राजस्थान लोकायुक्त तथा उप-लोकायुक्त (संशोधन) विधेयक शामिल हैं। इसी तरह विनियोग विधेयक व अनुपूरक अनुदान मांगों को शुक्रवार को भी पारित कर दिया गया।
विधानसभा उपाध्यक्ष राव राजेन्द्र सिंह ने अपरान्ह में चौहदहवीं विधानसभा के ग्यारहवें सत्र की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी।
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इससे पहले सुबह प्रश्नकाल शुरू होते ही विपक्ष ने फसल कर्ज माफी, पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतों व युवक कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज का मुद्दा उठाया। कांग्रेस विधायकों की नारेबाजी व हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित कर दी।
शून्य काल में भी विपक्षी दल का हंगामा थमा नहीं। कांग्रेस सदस्यों ने आसन के सामने आकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और किसानों से धोखा करने का आरोप लगाया। संसदीय कार्य मंत्री राजेंद्र राठौड़ और गृह मंत्री गुलाब चंद कटारिया ने जवाब देने की कोशिश की।
सहकारिता मंत्री अजय सिंह किलक ने मौजूदा राज्य सरकार द्वारा किसानों को कर्ज माफी योजना की जानकारी सदन में रखी। लेकिन नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी की अगुवाई में विपक्ष ने नारेबाजी जारी रखी। इस पर सदन की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी।