राजस्थान के करौली शहर में हिंसा एवं आगजनी को लेकर भाजपा द्वारा राज्य की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधे जाने के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को कहा कि भाजपा को राजस्थान के लोगों की एकता से परेशानी है।
इसके साथ ही गहलोत ने कहा कोई भी व्यक्ति यदि राजस्थान की शांति व्यवस्था को भंग करने का प्रयास करेगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। गहलोत ने ट्वीट किया, ‘जिन राज्यों में भाजपा की सरकारें हैं वहां रामनवमी पर दंगे भड़के। राजस्थान में सभी समुदायों ने साथ मिलकर रामनवमी का त्योहार मनाया एवं रामनवमी के जुलूसों का हिन्दू, मुस्लिम, सिख समेत तमाम धर्मों, वर्गों के लोगों ने स्वागत किया।’’उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा को राजस्थान के लोगों की एकता एवं सौहार्दपूर्ण माहौल से ही परेशानी है। ये अफसोस कर रहे हैं कि प्रदेश में रामनवमी का त्यौहार शांतिपूर्ण ढंग से कैसे मन गया।’
आखिर राजस्थान के साथ केन्द्र सरकार भेदभाव क्यों कर रही है?
ऊपर से आपके जलशक्ति मंत्री घाव पर नमक छिड़क रहे हैं कि प्रधानमंत्री जी ने अपनी अजमेर की चुनावी सभा के दौरान ERCP के बारे में एक शब्द भी नहीं बोला। #ERCP_नेशनल_प्रोजेक्ट_बनाओ— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) April 13, 2022
गहलोत ने आरोप लगाया, ‘ भाजपा के नेता लगातार प्रयास कर रहे हैं कि कैसे राज्य में सांप्रदायिक माहौल बनाया जाए। इसलिए कभी ये करौली में जाकर भ्रामक बातें करते हैं तो कभी राज्यपाल को ज्ञापन सौंपते हैं जिससे तनाव बना रहे। परन्तु प्रदेश सरकार ने प्रशासन को चाक चौबंद रहने के निर्देश दिए हैं जिससे कोई भी अप्रिय घटना ना हो सके।’
मुख्यमंत्री ने कठोर लहजे में कहा, ‘कोई भी व्यक्ति यदि राजस्थान की शांति व्यवस्था को भंग करने का प्रयास करेगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी चाहे वो किसी भी पार्टी या वर्ग से संबंध रखता हो।’उल्लेखनीय है कि भाजपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या और भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां के नेतृत्व में करौली जा रहे भाजपा कार्यकर्ताओं को पुलिस ने बुधवार को करौली-दौसा सीमा पर रोक दिया गया।