राजस्थान में मचे सियासी तूफान के बीच सचिन पायलट ने दिल्ली में हाईकमान गांधी परिवार के यंहा अपनी दस्तक दे दी हैं। आज दोपहर वह जयपुर से दिल्ली आए हैं , जंहा वह हाईकमान से मुलाकात करेंगे। सचिन पायलट ने अपने एक बयान में कहा था की वह अभी दिल्ली नहीं जा रहे है। सचिन पायलट हाईकमान के फैसले पर खड़े रहेंगे, इसका भरोसा वह अपनी बगावत से वापसी के बाद से ही दे रहे हैं। लेकिन राजनीतिक विश्लेषणों का मानना हैं की सचिन पायलट का दिल्ली में इतनी जल्दी दस्तक देना कोई आसान बात नहीं हैं।
सचिन पायलट को हाईकमान से भरोसा मिला हुआ हैं, जिसके बाद से ही सियासी हल्कों पायलट के दिल्ली दौरे को लेकर बहस तेज हो गई हैं। सचिन पायलट ने कांग्रेस आलाकमान से कहा है कि राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत अगर पार्टी अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ने का फैसला करते हैं तो उन्हें सीएम नहीं रहना चाहिए और विधायकों को साथ लाना उनकी जिम्मेदारी हैं। इस बीच पायलट ने मीडिया के एक वर्ग में आई उन खबरों का खंडन किया है कि उनकी मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर पार्टी आलाकमान से बात हुई है। पायलट ने ट्वीट कर इस खबर को असत्य बताया है।
राजस्थान कांग्रेस के दोनों गुट आपस में दाग रहे हैं बयानों की मिसाइल
प्रदेश कांग्रेस में सीएम चेहरे को लेकर मच रहे घमासान में कांग्रेस के मंत्री विधायक ही शामिल हैं , राजस्थान कांग्रेस के दोनों गुट आपस में ही पार्टी के नेताओं के खिलाफ पार्टी लाइन से अलग हटकर जमकर बयानबाजी कर रहे हैं। महिला विधायक दिव्य मदेरणा ने प्रदेश कांग्रेस में मचे सियासी घमासान के पीछे महेश जोशी व शांति धारीवाल का हाथ बताया हैं। तो वही सचिन पायलट गुट के नेता व विधायक खिलाड़ी लाल सिंह बैरवा ने हाईकमान से 2023 को सचिन पायलट की स्थिति को स्पष्ट करने को कहा हैं।
दिल्ली में दस्तक के बाद मीडीया के सवालों से बचे पायलट
जयपुर से अचानक दिल्ली आने के बीच जब सचिन पायलट से एयरपोर्ट पर राजस्थान को लेकर सवाल पूछें तो उन्होनें किसी पत्रकार का सवाल का जवाब देना मुनासिब नहीं समझा । क्योंकि राजस्थान कांग्रेस विधायक दल में तूफान मचा हुआ हैं , ऐसे में अगर पायलट मीडीया से घिरकर कोई बयानबाजी करेंगे , इससे उनके लिए बनने वाले माहौल पर फर्क पड़ेगा ।