विजय दिवस के अवसर पर CM गहलोत बोले- देश के लिए जो भी हो सके, करें - Punjab Kesari
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विजय दिवस के अवसर पर CM गहलोत बोले- देश के लिए जो भी हो सके, करें

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध में देश को

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध में देश को जीत दिलाने वाले जवानों की शहादत को प्रणाम करते हुए सोमवार को कहा कि आज के दिन लोगों को संकल्प लेना चाहिए कि वे देश के लिए जो कुछ भी कर सकते हैं, अवश्य करें। गहलोत ने फेसबुक पर लिखा, ‘‘विजय दिवस पूरे मुल्क के लिए आन-बान-शान का प्रतीक है। इस युद्घ में सेना के जवानों की शहादत को हम गर्व से याद करते हैं। उनकी कुर्बानी को कोई नहीं भूल सकता।’’ 
तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के योगदान को रेखांकित करते हुए गहलोत ने लिखा, ‘‘देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इस युद्ध के जरिए उपमहाद्वीप का इतिहास ही नहीं, भूगोल भी बदलकर रख दिया। स्वर्गीय इंदिरा गांधी ने एक सशक्त महिला प्रधानमंत्री के रूप में देश को नेतृत्व प्रदान किया जिससे पूरी दुनिया में भारत का मान बढ़ा।’’ 
उन्होंने लिखा, ‘‘इस युद्ध में 90 हजार से अधिक पाकिस्तानी सैनिकों ने समर्पण किया। बांग्लादेश के उदय से पूरी दुनिया में भारत की सैनिक ताकत का लोहा माना गया। मुझे इस बात का गर्व है कि युद्घ के दौरान पश्चिमी बंगाल में लगे शरणार्थी शिविरों में जाकर शरणार्थियों की सेवा का अवसर मुझे मिला। करीब पंद्रह दिन तक हम उनके दु:ख- सुख में काम आए। वे दिन आज भी मुझे याद आते हैं।’’ 
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की एकता और अखण्डता के लिए सैनिकों ने अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। देश की आन-बान-शान के लिए जान की बाजी लगा देने वाले सभी शहीद सैनिकों को वह विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। गहलोत ने लिखा, ‘‘देश की सीमाओं पर तथा देश के अंदर चुनौतियां हैं। आतंकवाद और नक्सलवाद देश की सुरक्षा तथा एकता के लिए खतरा हैं। आज के दिन हमें संकल्प लेना चाहिए कि हम देश के लिए जो कुछ भी कर सकते हैं, अवश्य करें।’’ 
उल्लेखनीय है कि बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौरान वर्ष 1971 में आज ही के दिन 90 हजार से अधिक पाकिस्तानी सैनिकों ने भारतीय बलों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था। इसके साथ ही इस भीषण लड़ाई का अंत हो गया और बांग्लादेश के रूप में दुनिया को एक नया देश मिला। भारत में हर साल 16 दिसंबर का दिन ‘विजय दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। 

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