राजस्थान में सोमवार को तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे अशोक गहलोत के शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कई मुख्यमंत्री एवं पूर्व मुख्यमंत्रियों सहित कई बड़े नेता शरीक होंगे। श्री गहलोत राजधानी जयपुर के ऐतिहासिक अल्बर्ट हॉल पर सुबह दस बजे राज्य के 22वें मुख्यमंत्री के रुप में शपथ लेंगे। उनके साथ सचिन पायलट उपमुख्यमंत्री के रुप में शपथ लेंगे। श्री पायलट राज्य के पांचवें उपमुख्यमंत्री होंगे।
कांग्रेस के राज्य में प्रभारी अविनाश पांडे के अनुसार शपथ ग्रहण समारोह में श्री गांधी एवं श्री मनमोहन सिंह के अलावा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगोड़, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एवं आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चन्द्रबाबू नायडू, पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला, पूर्व मुख्यमंत्री एवं झारखंड में विपक्ष के नेता हेमंत सोरेन, पूर्व मुख्यमंत्री बाबू लाल मरांडी, बहुजन समाज पार्टी की नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री मायावती, समाजवादी पार्टी के नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भाग लेंगे।
श्री पांडे ने बताया कि इनके अलावा डीएमके नेता एम के स्टालिन, जेडीयू नेता शरद यादव, आरजेडी के नेता एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव विभिन्न राज्यों में कांग्रेस के शीर्ष नेता, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, एनसीपी एवं डीएमके तथा महागठबंधन के कई बड़े नेता समारोह में शरीक होंगे। समारोह की तैयारियां पूरी कर ली गई और इससे पहले सुबह श्री गहलोत एवं श्री पायलट ने समारोह स्थल पर जाकर तैयारियों का जायजा भी लिया। समारोह में करीब पच्चीस हजार लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई हैं।
समारोह का सीधा प्रसारण भी किया जायेगा जिसका जगह जगह एलईडी टीवी लगाकर लोगों को दिखाया जायेगा। इसके लिए प्रदेश में करीब तीन सौ एलईडी टीवी लगाये गये हैं। पुलिस के अनुसार समारोह में बड़े हस्तियों के आने के मद्देनजर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये हैं। पुलिस ने बताया कि इसके लिए हवाई अड्डे एवं समारोह स्थल पर कड़ सुरक्षा व्यवस्था की गई और इसके लिए तीन से साढ़ तीन हजार पुलिसकर्मियों को लगाया गया हैं।
उल्लेखनीय है कि गत सात दिसम्बर को राज्य की पन्द्रहवीं विधानसभा के लिए 199 सीटों पर हुए चुनाव में कांग्रेस ने 99 सीटे तथा एक सीट उसके सहयोगी दल ने जीती हैं जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 73, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) छह, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (रालोपा) तीन एवं मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) एवं बीटीपी को दो-दो सीटे मिली तथा तेरह निर्दलीय चुनाव जीते। अलवर की रामगढ़ विधानसभा सीट पर बसपा प्रत्याशी के निधन के कारण चुनाव नहीं हो सका।