कांग्रेस की दिग्गज नेता और दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने जयपुर के लिटरेचर फेस्टिवल में अपनी आत्मकथा का विमोचन किया। ‘सिटीजन दिल्ली- माई टाइम, माई लाइफ़’ नाम की इस किताब में शीला दीक्षित के निजी जीवन और राजनीतिक सफर से जुड़े कई रोचक पहलुओं का जिक्र है। वे आज जयुपर लिटरेचल फेस्टिवल में मुखातिब हो रही थीं।
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में दिल्ली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित ने अपनी किताब सिटीजन डेल्ही माई टाइम माई लाइफ के विमोचन के बाद पत्रकार और एंकर विनोद दुआ से बात करते हुए दिल्ली में अपनी जीवन यात्रा और सरकार में अपने अनुभवों को खुल कर जाहिर किया।
उन्होंने कहा कि मुझे दिल्ली के लिए केन्द्र की भाजपा सरकार का भी साथ मिला और उत्तर प्रदेश की मायावती सरकार का भी, क्योंकि दिल्ली के विकास को कोई रोकना नहीं चाहता था। सब मिल कर काम कर रहे थे।
उन्होंने कॉमन वेल्थ गेम्स की बात भी की और कहा कि उस समय की केन्द्र सरकार के दो मंत्रियों ने हमें किसी भी तरह की सहायता देने से मना कर दिया था, लेकिन यह देश का सवाल था और हमने खुद सारी व्यवस्था की। आज मैं दावे के साथ कह सकती हूं कि ये अब तक के सबसे अच्छे कॉमनवेल्थ गेम्स थे, लेकिन किसी ने हमें धन्यवाद नहीं दिया और तारीफ भी नहीं होने दी गई।
शीला दीक्षित ने कहा कि मेरा सब कुछ दिल्ली में है। दिल्ली मेरे लिए आशा है, सपना है और जो दिल्ली ने दिया वह मुझे कहीं और नहीं मिल सकता था। मेरे बचपन की दिल्ली बहुत शांत थी और यहां बहुत कम चीजें हुआ करती थीं। लोग कहते थे कि आप तो यहां गंवारों की तरह रहते हो। लाइफ देखनी है तो मुंबई या कोलकाता जाइए। आज तो दिल्ली कल्पना के परे जाकर बदल गई।
वही , शीला दीक्षित ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को गणतंत्र दिवस कार्यक्रम में पीछे की तरफ़ बैठाने को ग़लत बताया।
अन्य विशेष खबरों के लिए पढ़िये पंजाब केसरी की अन्य रिपोर्ट।