जैसलमेर : शहर की खूबसूरती में चार चांद लगाने के लिए कबाड़ का इस्तेमाल किया - Punjab Kesari
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जैसलमेर : शहर की खूबसूरती में चार चांद लगाने के लिए कबाड़ का इस्तेमाल किया

राजस्थान के जैसलमेर में कबाड़ की वस्तुओं से बनी कलाकृतियां पर्यटकों का स्वागत करेंगी। यहां दिल्ली से बुलाए

राजस्थान के जैसलमेर में कबाड़ की वस्तुओं से बनी कलाकृतियां पर्यटकों का स्वागत करेंगी। यहां दिल्ली से बुलाए गए 20 कारीगर कई मूर्तियों और अन्य कलाकृतियों को आकार देने में लगे हुए हैं।पश्चिमी राजस्थान में भारत-पाकिस्तान सीमा पर स्थित यह शहर अपने रेत के टीलों, हवेलियों, सोनार किला, गड़ीसर झील, रेगिस्तानी राष्ट्रीय उद्यान और कई अन्य स्थानों के लिए प्रसिद्ध है।जैसलमेर नगर निगम की ओर से यह पहल की गई है। निगम अपने भवन के स्टोर में रखे कबाड़ के सामान को इसके लिये काम में लेगा।
 पर्यटन स्थल और सार्वजनिक पार्क शामिल
नगर निगम आयुक्त शशिकांत शर्मा ने बताया, ‘‘कबाड़ से बनाई गई ऊंट की दो मूर्तियां, एक पुरुष की और दूसरी हाथ जोड़े महिला की मूर्ति गड़ीसर झील में पहले ही स्थापित की जा चुकी हैं।’’अधिकारी ने बताया कि टायरों से बने घोड़े की मूर्ति तैयार है और कुछ पक्षियों सहित कई अन्य पर काम जारी है।शर्मा ने बताया कि मूर्तियों और अन्य कलाकृतियों की स्थापना के लिए लगभग 20 स्थानों की पहचान की गई है, जिनमें पर्यटन स्थल और सार्वजनिक पार्क शामिल हैं। शर्मा ने बताया, ‘‘निगम के स्टोर में बहुत सारा कबाड़ है, जिसका अब उपयोग हो रहा है। कारीगर इस कबाड़ से सुंदर मूर्तियां बना रहे हैं।’’
कंपनी एमएस ग्रुप के सुशील दोषी ने बताया
एक अन्य अधिकारी ने बताया, ‘‘पारंपरिक स्थलों के अलावा, ये नए आकर्षण निश्चित रूप से शहर को एक नया रूप देंगे। जैसलमेर सोनार किले, रेत के टीलों और हवेलियों के लिए जाना जाता है और अब लोगों के पास तस्वीरें खींचने के लिए कुछ और भी कलाकृतियां उपलब्ध होंगी।’’इस परियोजना को क्रियान्वित कर रही है दिल्ली स्थित कंपनी एमएस ग्रुप के सुशील दोषी ने बताया कि लगभग 20 कारीगरों और मजदूरों ने ऊंट और मानव आकृतियों को डिजाइन तथा तैयार किया है, जिन्हें सुनहरे रंग में रंगा गया है।
Jaisalmer: शहर की खूबसूरती में चार चांद लगाने के लिए किया जाएगा कबाड़ का  इस्तेमाल | SachBedhadak
 लोगों की उपस्थिति को बढ़ाने के लिए चित्रित किया
उन्होंने बताया, ‘‘टायरों से बनी घोड़े की मूर्ति पर काम जारी है और यह जल्द ही पूरा हो जाएगा। इस तरह की कलाकृति जनता को आकर्षित करती है और उस जगह की सुंदरता को बढ़ाती है जहां स्थापित किया गया है।’’उन्होंने बताया कि ज्यादातर जंक मैटेरियल (कबाड़) का इस्तेमाल हो रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे कलाकार डिजाइन बनाते हैं और फिर वस्तुओं की जांच की जाती है। कलाकृति बनाने में उपयोग की जाने वाली अधिकांश सामग्री जंक सामग्री है।’’ कलाकृति को जीवंत और लोगों की उपस्थिति को बढ़ाने के लिए चित्रित किया गया है।

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