Rajasthan News: दिल्ली के बाद अब राजस्थान में हवा जहरीली हो गई है। प्रदेश की राजधानी जयपुर का एक्यूआई लेवल बढता जा रहा है। यहां एक्यूआई 269 रहा। वहीं, गंगानगर, सीकर, भिवाड़ी में हवा का खराब स्तर 300 के ऊपर दर्ज हुआ है। इसका सबसे बड़ा कारण पुराने वाहन भी हैं। प्रदेश में 1.40 करोड़ गाड़ियां हैं, जिनमें से 3 लाख वाहन हर साल प्रदूषण की जांच कराते हैं। इनमें से 90 हजार वाहन टेस्ट में फेल हो चुके हैं। हैरान करने वाली बात है कि इन 90 हजार वाहनों पर कार्रवाई नहीं की गई है।
ये जिले रहे रेड जोन में
सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के मुताबिक जयपुर, गंगानगर, सीकर, भिवाड़ी (खैरथल) में एयर क्वालिटी इंडेक्स लेवल 300 पार पहुंच चुका है, जो रेड जोन की कैटेगरी में आता है। सबसे ज्यादा एयर क्वालिटी भिवाड़ी में 342 दर्ज हुआ। जयपुर में 325, गंगानगर में 305 और सीकर में एयर क्वालिटी इंडेक्स लेवल 310 पर दर्ज हुआ। चूरू, झुंझुनूं के एरिया में भी एयर क्वालिटी इंडेक्स लेवल खराब है। चूरू में 228 और झुंझुनूं में 226 एयर क्वालिटी इंडेक्स लेवल दर्ज किया गया। ये शहर ऑरेंज जोन की श्रेणी में हैं।
वाहनों की पीयूसी जांच नहीं हो रही
जनवरी में तो प्रदेश में 210 वाहनों की ही पीयूसी जांच हुई है। जुलाई में 300691 वाहनों की पीयूसी जांच हुई। नवंबर में आंकड़ा घटकर 176915 रह गया। बता दें, दिल्ली सरकार ने बढ़ते पॉल्यूशन के चलते आठ साल पहले 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों के संचालन पर पूरी तरह रोक लगा रखी है। जबकि, राजस्थान में पुराने वाहनों पर संचालन पर किसी प्रकार की रोक नहीं है।
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