राजस्थान विधानसभा में जिलों के परिसीमन को लेकर गुरुवार को कांग्रेस और भाजपा के नेताओं के बीच तीखी नोक-झोंक देखने को मिली। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और कांग्रेस विधायकों ने सदन के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और इस मुद्दे पर जोरदार नारेबाजी की। उनका कहना था कि तत्कालीन गहलोत सरकार द्वारा बनाए गए कई जिलों को भजनलाल सरकार ने बिना किसी उचित कारण के निरस्त कर दिया है।
इसके जवाब में गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उनके नेता बिना किसी आधार के जनता को गुमराह करने के लिए यह विवाद खड़ा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने हमेशा जनता की सुविधा और जरूरत के हिसाब से जिलों का गठन किया, जबकि कांग्रेस ने अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए जिलों का गठन किया था।
बेढम ने यह भी कहा कि भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में घोषणा की थी कि वह राजस्व अधिकारियों द्वारा किए गए जिलों के गठन की समीक्षा करेंगे और जनहित में निर्णय लेंगे। उन्होंने गंगापुर जिले का उदाहरण देते हुए कहा कि उसमें करौली जिले का हिस्सा शामिल किया गया था, लेकिन जनता ने इसके खिलाफ विरोध जताया और अब भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने उनकी मांग पर जिलों के परिसीमन की समीक्षा की है।