राजस्थान में चिकित्सा व्यवस्था को सुदृढ़ करने पर विशेष ध्यान देने के साथ ही सेवारत चिकित्सकों की समस्याओं के समाधान के लिए भी निरन्तर प्रयास किये जा रहे हैं। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री कालीचरण सराफ ने आज बताया कि चिकित्सकों की लम्बित मांगों एवं उनकी विभिन्न समस्याओं के निराकरण के लिए नियमित रूप से चर्चा कर आवश्यक कार्यवाही की जा रही है। सेवारत चिकित्सक संघ से प्रमुख शासन सचिव एवं स्वास्थ्य मंत्री के स्तर पर वार्ताएं आयोजित की जा चुकी हैं एवं अनेक समस्याओं का निराकरण करने के साथ ही शेष मांगों पर आवश्यक कार्यवाही हेतु वित्त विभाग सहित अन्य विभागों को लिखा जा चुका है।
चिकित्सा संस्थानों में बढती हिंसक घटनाओं की रोकथाम एवं चिकित्सकों की सुरक्षा के संबंध में मुख्य सचिव द्वारा प्रदेश के सभी संभागीय आयुक्तों एवं जिला कलेक्टरों को पत्र लिखा गया है। राजकीय चिकित्सा संस्थानों में सीसी टीवी कैमरे लगाने के लिए चार करोड़ रुपये की राशि के प्रस्ताव वित्त विभाग को प्रेषित किये गये हैं। चिकित्सा कार्य के दौरान स्वाइन फ्लू के कारण मृत्यु होने की स्थिति में 20 लाख रुपये की राशि देने संबंधी आदेश जारी किये गये हैं। प्री-पीजी प्रवेश एवं आरपीएससी द्वारा सहायक आचार्य के पदों पर भर्ती की अधिकतम आयु सीमा को बढ़ने के प्रस्ताव विचाराधीन हैं।
उन्होंने बताया कि चिकित्सकों का प्रबन्धकीय कैडर बनाने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गयी है। कमेटी में निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ। वी.के.माथुर, अतिरिक्त निदेशक राजपत्रित डॉ। गिरीश पाराशर एवं वित्तीय सलाहकार जमनालाल जांगिड को शामिल किया गया है। यह कमेटी तीन नवम्बर तक प्रस्ताव तैयार कर उपशासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य को प्रस्तुत करेगी।
कालीचरण सराफ ने बताया कि प्रदेश में इस समय मौसम परिवर्तन के कारण मौसमी बीमारियों का दौर चल रहा है। इसके बावजूद चिकित्सक संघ द्वारा सामूहिक अवकाश एवं सामूहिक त्याग-पत्र देना जैसा असंवेदनशील रवैया अपनाया जा रहा है। उन्होंने सभी चिकित्सकों से मानवीय दृष्टिकोण के साथ अपने चिकित्सा दायित्वों का पालन करने की अपील की है।