मुस्लिम शूरमाओं को भी स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करे सरकार - Punjab Kesari
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मुस्लिम शूरमाओं को भी स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करे सरकार

कारगिल के युद्ध में कोटा के स्क्वाड्रन लीडर अजय आहूजा ने शौर्य का परिचय दिया था। मरणोंपरांत उनको

राजस्थान सरकार के शिक्षा विभाग ने हाल ही में राजस्थान के शूरवीरों और प्रेरणादायक कार्य करने वालों की जीवनी को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करके विद्यार्थियों को पढ़ने का निर्णय लिया है ताकि समाज उनसे प्रेरणा ले सके, इसी क्रम में झुंझुनू के मुस्लिम समाज ने कैप्टेन अयूब की जीवनी भी पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग की है।

मुस्लिम समाज के लोगों ने कहा कि जिन प्रतिभाशाली लोगों की जीवनी स्कूली पाठ्य क्रम में शामिल की है उसमें झुंझुनू जिले के नूआ गांव के वीरचक्र विजेता कैप्टन अयूब खान का नाम शामिल नहीं किया गया है, जबकि कैप्टन अयूब खान ने 1965 के भारत- पाक युद्व में पाकिस्तानी सेना के चार पैटन टैंक तोड़कर अदम्य बहादुरी का काम किया था। उनके पराक्रम के कारण 13 नवम्बर 1965 को उन्हे वीर चक्र से सम्मानित किया गया था। ऐसे में अयूब खान के नाम को शामिल नहीं करने से मुस्लिम समाज के लोगों में खासी नाराजगी है। कैप्टन अयूब खान दो बार झुंझुनू से लोकसभा सदस्य एवं केन्द, सरकार में मंत्री रह कर समाज सेवा की है।

 कैप्टन अयूब खान की पुत्री शबनम खान ने बताया कि कैप्टेन अयूब ने दुश्मन सेना के टैंकों को नष्ट किया था। उस समय उनकी पहचान इंडियन अयूब के नाम से थी। उनकी जीवनी पाठ्यक्रम में शामिल करना चाहिए। इससे नई पीढ़ को प्रेरणा मिलेगी। झुंझुनू नगर परिषद के पूर्व सभापति खालिद हुसैन ने कहा कि सरकार को इस पर विचार करना चाहिए। वीर गाथाओं से लोगों को प्रेरणा मिलती है। उन्होंने कहा कि राजस्थान के झुंझुनू जिले के धनूरी, नूआ, भिर्र गांव में घर-घर में सैनिक है। वहां के कई लोग सेना में शौर्य पदक से सम्मानित हैं, उन गांवो को भी शामिल करना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि राजस्थान में नवीं में राष्ट्रीय सुरक्षा और शौर्य परंपरा नाम का चैप्टर जोड़ते हुए राजस्थान के कई वीरों की गाथाएं पढ़ई जाएंगी। इस चैप्टर के भारतीय सेना द्वारा स्थापित आदर्श वाले हिस्से में शिक्षा, खेल, राजनीति, रक्षा, अंतरिक्ष और तकनीकी के क्षेत्र में सफलता के झंडे गाड़ने वाले राजस्थान के सेना के जवानों के नाम शामिल किए गए हैं।

 इसमें पहले नंबर पर ओलंपिक पदक विजेता ले। कर्नल राज्यवर्धन सिंह का नाम है। इसी तरह वीरता पुरस्कार प्राप्त करने वाले राजस्थान के सैनिकों में सर्वोच्च शौर्य अलंकरण परमवीर चक्र झुंझुनू के मेजर पीरू सिंह और जोधपुर के मेजर शैतान सिंह भाटी, महावीर चक्र विजेता जयपुर के ब्रिगेडियर भवानी सिंह और बीकानेर के लेफ्टिनेंट कर्नल किशन सिंह, मेजर कुलदीप सिंह, लेफ्टिनेंट जनरल हनुत सिंह, केटन महेन्द, सिंह तंवर, सुल्तान सिंह राठौड़, सैकण्ड लेफ्टिनेंट पुनीत नाथ दत, करणी सिंह राठौड़, हवलदार अमर सिंह राठौड़, कर्नल सौरभ सिंह शेखावत, स्क्वाड्रन लीडर अजय आहूजा, नायब सूबेदार रामपाल सिंह, मेजर भानु प्रताप सिंह, बिग्रेडियर गोविन्द सिंह राठौड़ को भी शामिल किया गया है। इसके अलावा सीकर के राजपूताना राइफल्स के महावीर चक्र विजेता दिगेंद, कुमार ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए पाकिस्तानी मेजर अनवर का सर काट कर तिरंगा फहराया था। कारगिल के युद्ध में कोटा के स्क्वाड्रन लीडर अजय आहूजा ने शौर्य का परिचय दिया था। मरणोंपरांत उनको वीर चक्र से सम्मानित किया गया।

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