जयपुर के सीतापुरा इंडस्ट्रियल एरिया में ज्वैलरी फैक्ट्री के सेप्टिक टैंक में सोना-चांदी की धूल निकालने के प्रयास में चार मजदूरों की जहरीली गैस से दम घुटने से मौत हो गई। हादसे ने फैक्ट्री प्रबंधन की लापरवाही और लालच को उजागर किया।
जयपुर के सीतापुरा इंडस्ट्रियल एरिया में सोमवार रात एक दर्दनाक हादसे में चार सफाई कर्मचारियों की मौत हो गई। ये मजदूर एक ज्वैलरी फैक्ट्री के सेप्टिक टैंक में सोने-चांदी की धूल निकालने के लिए उतारे गए थे, जहां जहरीली गैस के कारण उनका दम घुट गया। दो अन्य मजदूर गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हैं, जबकि दो को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई है। हादसे का जिम्मेदार फैक्ट्री प्रबंधन पर मजदूरों को लालच देकर जबरन टैंक में उतारने का आरोप है। ये सभी युवक उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर और अंबेडकर नगर के रहने वाले थे। यह हादसा मानव जीवन की कीमत पर होने वाले लालच और लापरवाही की एक और भयावह मिसाल बनकर सामने आया है।
सेप्टिक टैंक बना मौत का जाल
सीतापुरा स्थित अचल ज्वैल्स प्राइवेट लिमिटेड की फैक्ट्री में बने 10 फीट गहरे सेप्टिक टैंक की सफाई के लिए आठ मजदूरों को उतारा गया। यह टैंक रसायनयुक्त पानी और गंदगी से भरा हुआ था, जिसमें सोने-चांदी की डस्ट जमा रहती है। मजदूरों ने दिन में गर्मी और जहरीली गैस की आशंका जताकर टैंक में उतरने से मना कर दिया था, लेकिन प्रबंधन द्वारा अधिक पैसे का लालच देकर उन्हें मजबूर किया गया। रात 8 बजे के करीब पहले दो मजदूर टैंक में उतरे और बेहोश हो गए। उन्हें बचाने के लिए छह और नीचे उतरे और सभी गैस से बेहोश हो गए।
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चार मजदूरों की मौत, दो की हालत गंभीर
हादसे के तुरंत बाद सभी मजदूरों को महात्मा गांधी हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने अंबेडकर नगर के संजीव पाल, हिमांशु सिंह, रोहित पाल और सुलतानपुर के अर्पित यादव को मृत घोषित कर दिया। अजय चौहान और राजपाल की हालत गंभीर है और उनका इलाज जारी है। अमित पाल और सूरजपाल को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई। ये सभी मजदूर गोवर्धन नगर में रहते थे और पिछले दो साल से ठेकेदार मुकेश पाल के जरिए अचल ज्वैल्स में काम कर रहे थे। मृतकों में मुकेश का भाई भी शामिल है।