राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस सरकार द्वारा की गयी किसानों के ऋण माफी की घोषणा को मात्र छलावा करार देते हुये कहा कि इसमें कहीं भी स्पष्ट नहीं है कि ऋण के माफी के लिए कौन से किसान पात्र होंगे और इसके मापदंड क्या होंगे। पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह राठौड़ और अजय सिंह किलक ने आज यहां पत्रकार वार्ता में कहा कि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में कहा था कि समस्त किसानों का पूरा ऋण माफ किया जायेगा।
इस आदेश में राष्ट्रीयकृत बैंकों, अनुसूचित बैंकों एवं क्षेत्रीय ग्रामीण बैंको का ऋण नहीं चुकाने वाले डिफाल्टर किसानों का दो लाख रुपये तक का ही ऋण माफ करने की बात कही गयी है। इससे स्पष्ट होता है कि सरकार अपने वादे से मुकर गयी है और सभी किसानों का पूरा कर्जा माफ नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा किसान के डिफाल्टर हो जाने की स्थिति में जुर्माना और ब्याज आदि मूलधन से अधिक हो जाता है, इसके बारे में भी आदेश में स्पष्टता नहीं है।
उन्होंने मांग की सरकार को मूलधन के साथ साथ जुर्माना राशि और ब्याज माफ करना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार द्वारा दावा किया जा रहा है कि उन्होंने चुनाव के दौरान किया गया वादा दो दिन पूरा कर दिया लेकिन वस्तुस्थिति यह है कि वर्तमान में राज्य में कुल 59 लाख किसान है जिन पर लगभग 99 हजार 995 करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है जिसमें से अगर वर्तमान आदेश की पूर्ण पालना कर 18 हजार करोड़ रुपये का ऋण माफ कर दिया जाता है तो विभिन्न श्रेणियों के शेष 81 हजार 995 करोड़ रुपये की ऋण राशि के बारे में सरकार की क्या मंशा है, इस बारे मे सरकार को स्थिति साफ करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि वसुंधरा सरकार की ऋण राहत योजना के बाद अब तक 21 लाख 34 हजार किसानों को 10 हजार 700 करोड़ रुपये का ऋण दिया गया है और शेष को ऋण देने की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने पूछा कि तो क्या 10 लाख किसान ऋण राहत योजना से वंचित रह जायेंगे। इसके साथ सरकार के आदेश में यह नहीं बताया गया कि जिन किसानों का ऋण माफ किया गया है उन्हें फिर से नया ऋण दिया जायेगा या नहीं सरकार स्पष्ट करे।