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राजस्थान: कांग्रेस सरकार ने स्कूलों में यूनिफॉर्म का रंग बदलने का लिया फैसला, BJP ने जताई आपत्ति

राजस्थान सरकार ने सरकारी स्कूलों में यूनिफॉर्म का रंग बदलने का फैसला किया है। विपक्षी भारतीय जनता पार्टी

राजस्थान सरकार ने सरकारी स्कूलों में यूनिफॉर्म का रंग बदलने का फैसला किया है। विपक्षी भारतीय जनता पार्टी ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि राज्य की कांग्रेस सरकार पार्टी आलाकमान को खुश करने के लिए यह कदम उठा रही है।
उल्लेखनीय है कि राज्य के सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की यूनिफॉर्म का रंग बदलने को लेकर पहले भी विवाद होता रहा है। साल 2017 में तत्कालीन भाजपा सरकार ने इसका रंग बदलकर कत्थई रंग की शर्ट, कुर्ता और भूरे रंग की पेंट सलवार किया गया था। उस समय कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि नया रंग राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की गणवेश से मेल खाता है।
वहीं मौजूदा अशोक गहलोत सरकार ने सत्ता में आने के करीब तीन साल बाद अगले शैक्षणिक सत्र से वर्दी का रंग बदलने के आदेश जारी किए हैं। स्कूली शिक्षा विभाग द्वारा 8 दिसंबर को जारी आदेश के अनुसार शैक्षणिक सत्र 2022-23 के छात्र हल्के नीले रंग की शर्ट और गहरे भूरे/धूसर रंग की पेंट पहनेंगे। वहीं छात्राएं हल्के नीले रंग की शर्ट या कुर्ता गहरे भूरे/धूसर रंग की सलवार/स्कर्ट पहनेंगी।
पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने कांग्रेस सरकार के फैसले पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा,’ राज्य सरकार ने महामारी के दौर में 77 लाख अभिभावको पर स्कूल ड्रेस बदलने का आर्थिक भार डालने की घोषणा कर डाली।’ देवनानी ने कहा,’ राज्य के विद्यार्थियों व शिक्षकों से चर्चा कर 3 वर्ष पूर्व की एक नये स्वरूप व गौरवान्वित अनुभव वाली स्कूल ड्रेस को सिर्फ़ अपने आलाकमान को खुश करने के लिये बदलना शर्मनाक है।’
भाजपा नेता ने आरोप लगाया,’प्रदेश सरकार में जंगलराज हैं , अपराधियों का बोलबाला हैं। राजकीय विद्यालयों में प्रतिदिन बालिकाओं के साथ गम्भीर अपराध हो रहे हैं- शिक्षा का स्तर प्रतिदिन गिरता जा रहा हैं परंतु सरकार का ध्यान दुर्भावनापूर्ण रूप से सिर्फ़ साइकल के कलर, ड्रेस के कलर एव पाठ्यक्रम परिवर्तन की और हैं।’ वहीं नवनियुक्त स्कूली शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने भाजपा के आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि बदलाव को राजनीतिक दृष्टि से नहीं देखा जाना चाहिए। 
उन्होंने कहा कि वर्दी बदलने की प्रक्रिया पूर्व मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा द्वारा शुरू और स्वीकृत की गयी थी। बता दें कि हाल ही में हुए मंत्रिपरिषद पुनर्गठन में डोटासरा की जगह कल्ला स्कूली शिक्षा विभाग दिया गया है। उन्होंने कहा,’इसमें कुछ भी राजनीतिक नहीं है। यह भाजपा ही है जो हमेशा एक एजेंडे पर काम करती है।’ वहीं डोटासरा ने कहा है कि स्कूल की वर्दी बदलने का फैसला छह सदस्यीय समिति की सिफारिश पर लिया गया है।

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