जीवन में एक अच्छी और सम्मान की नौकरी कौन नहीं चाहता है सभी को अपनी पसंद की नौकरी का चयन करने का हक है। लेकिन राजस्थान में भाजपा के विधायक के बेटे का चयन ऐसी नौकरी के लिए हुआ है, जिसे सुनकर आप हैरान रह जाएंगे। विधायक के बेटे का चयन चपरासी की नौकरी के लिए हुआ है और इस नौकरी का चयन विवादों में घिर गया है।
इस पद के लिए इंजीनियर, वकील, चार्टर्ड अकाउंटेंट और पोस्ट-ग्रेजुएशन जैसी योग्यताएं रखने वाले 12,453 लोगों ने अप्लाई किया, लेकिन नौकरी मिली विधायक के दसवीं पास बेटे को। बता दें कि राजस्थान विधानसभा सचिवालय के लिए चतुर्थ श्रेणी के 18 चपरासियों की भर्ती निकली थी। जब चपरासी की भर्ती का रिजल्ट आया तो बवाल मच गया।
लिस्ट में 12 नंबर पर रामकृष्ण मीणा का नाम था जो कि जामवा रामगढ़ से भाजपा विधायक जगदीश नारायण मीणा के बेटे हैं। विधायक के बेटे का नाम लिस्ट में देखकर लोग हैरान रह गए। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट ने इस चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि बीजेपी नेता ने भर्ती प्रक्रिया को प्रभावित किया है। उन्होंने चयन प्रक्रिया की उच्च स्तरीय जांच करवाने की मांग भी की है।
वहीं, भाजपा विधायक जगदीश नारायण मीणा का कहना है कि चयन प्रक्रिया पारदर्शिता के साथ हुई है। इसमें कोई भी गड़बड़ी नहीं हुई है। उन्होंने कहा, ‘मेरे बेटे ने नौकरी की सामान्य प्रक्रिया के तहत आवेदन किया था और एक इंटरव्यू के बाद उसका सिलेक्शन हो गया।’ विपक्ष के आरोपों पर विधायक ने कहा, ‘विपक्ष कहता है कि बेटे को नौकरी दिलवाने के लिए मैंने अपने पद का इस्तेमाल किया। अगर मुझे ऐसा करना होता तो मैं अपने बेटे को चपरासी की नौकरी क्यों दिलवाता? फिर मैं उसे कोई ऊंचा पद दिलवाता।’
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