‘ओम बन्ना’ का मंदिर, यहाँ बुलेट मोटर साइकिल से लोग मांगते है मन्नत - Punjab Kesari
Girl in a jacket

‘ओम बन्ना’ का मंदिर, यहाँ बुलेट मोटर साइकिल से लोग मांगते है मन्नत

NULL

भारत अनेक अजीबोगरीब किस्से कहानियों वाला देश है और यहाँ पर आपको कई किस्से ऐसे मिलेंगे जिसपर पहली बार में विश्वास कर पाना नामुमकिन सा ही लगेगा। क्या कभी आपने कहीं मोटर साइकिल की पूजा होते हुए देखी है ? अगर नहीं तो आज जान लीजिये भारत में एक जगह ऐसी भी है जहाँ पर बुलेट मोटर साइकिल की बाकायदा पूजा होती है और साथ ही इस दोपहिया वहां का मंदिर भी बना हुआ है। ये मंदिर किसी व्यक्ति से अपना वहां प्रेम जताने के लिए नहीं बनाया है और ऐसी मान्यता है कि इस स्थान के दर्शन मात्र से दुर्घटना में होने वाली अकाल मृत्यु का भय नष्ट हो जाता है।

1 571आईये जानते है इस मंदिर के पीछे की कहानी जो आपको बेशक चौंका देगी। जोधपुर-पाली हाईवे नं. 65 पर स्थित जोधपुर से 45 किमी. और पाली जिला मुख्यालय से 20 किमी. की दूरी पर चोटिला गाँव के पास स्थित है बुलेट वाले बाबा ओम बन्ना का स्थान, ये मंदिर सिर्फ राजस्थान में ही नहीं बल्कि पुरे भारत में मशहूर हो चला है।

2 399ओम बन्ना का जन्म पाली (राजस्थान) के चोटिला गाँव में 5 मार्च, 1965 में ठाकुर जोगसिंह राठौड़ के घर हुआ। इन बाबा का वास्तविक नाम ओम सिंह राठौड़ था। कहा जाता है बचपन में ही एक पंडित ने आपके बारे में कहा था कि यह बालक एक दिन अपने कुल का सम्पूर्ण देश में पूजित करवाएगा।

3 310ओम बन्ना के पिता चोटिला के सरपंच थे और वे उनकी इकलौती संतान होने के कारण घर में सभी के लाडले थे और जिस ज़माने में लोगों के पास साइकिल भी नहीं हुआ करती थी, उस समय ओम बन्ना के पास रॉयल एनफील्ड बुलेट मोटर साइकिल हुआ करती थी जो ओम बन्ना को बहुत अधिक प्रिय थी।

4 312बताया जाता है 2 दिसम्बर, 1988 (अष्टमी) को ओम बन्ना अपनी बुलेट RNJ 7773 द्वारा अपने ससुराल बगड़ी सांडेराव से अपने गाँव चोटिला लौट रहे थे कि पाली जिला मुख्यालय से 20 किमी. पहले चोटिला के पास ही रात के समय उनकी बुलेट का संतुलन खराब हो गया और वो सड़क किनारे एक पेड़ से टकरा गई और वहीँ पर ओम बन्ना की मृत्यु हो गई।

5 179पुलिस ने घटना स्थल पर पहुँच कर बन्ना की बाइक अपने कब्जे में ले ली और उनका शरीर परिवार वालों को सौंप दिया पर सुबह बुलेट मोटर साइकल थाने से गायब मिली। जब खोजा गया तो बुलेट दुर्घटना स्थल पर मिली। अबकी बार पुलिस बुलेट का सारा पेट्रोल निकाल कर चैन से बांध दिया और इसके बाद भी अगले दिन बुलेट गायब हो कर उसी स्थान पर पहुँच गई जहाँ दुर्घटना हुई थी।

6 116इस घटना को जानकार पिता जोगसिंह ने पुत्र की आत्मा की इच्छा समझकर दुर्घटना स्थल पर एक चबूतरा बनवाया और बुलेट मोटर साइकिल को वहीं खड़ी करवा दिया और ओम बन्ना का मंदिर बनवा दिया। लोगों का मानना है जिस दिन से ये मंदिर बना है इस मार्ग पर कोई दुर्घटना नहीं हुई है। अब इस मंदिर पर बाबा ओम बन्ना के जन्मतिथि और पुण्यतिथि दोनों दिन मार्गशीष शुक्ला अष्टमी का मेला लगता है। लोग मन्नते मांगते है और जो भी यहाँ से गुज़रता है यहाँ रूककर जरूर जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

sixteen − 1 =

Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।