पंजाब कांग्रेस में तू-तू मैं-मैं शुरू : लाल सिंह द्वारा दूलों को कांग्रेस से अलग-थलग किए जाने की मांग पर दूलों गरजे - Punjab Kesari
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पंजाब कांग्रेस में तू-तू मैं-मैं शुरू : लाल सिंह द्वारा दूलों को कांग्रेस से अलग-थलग किए जाने की मांग पर दूलों गरजे

पंजाब के राज्यसभा सदस्य और पूर्व पंजाब कांग्रेस प्रधान शमशेर सिंह दूलों की सियासी मुश्किलें बढ़ती जा रही

लुधियाना-फतेहगढ़ साहिब : पंजाब के राज्यसभा सदस्य और पूर्व पंजाब कांग्रेस प्रधान शमशेर सिंह दूलों की सियासी मुश्किलें बढ़ती जा रही है। पिछले दिनों उनकी पूर्व कांग्रेसी विधायक बीवी हरबंस कौर दूलों और उनके बेटे बनदीप सिंह उर्फ बन्नी दूलों के आम आदमी पार्टी में शामिल होने और फतेहगढ़ साहिब से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार बनाने पर वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं द्वारा इशारों ही इशारों में सवाल दागे जा रहे है और उनसे मोजूदा राज्यसभा सदस्यता से त्यागपत्र मांगा जा रहा है।

आज शमशेर सिंह दूलों ने कहा कि पंजाब कांग्रेस चुनाव कमेटी के चेयरमैन और कांगे्रसी नेता लाल सिंह उनसे किस आधार पर इस्तीफा मांग रहे है क्योंक वह उनसे वरिष्ठता के मामले में बहुत ही जूनियर है। उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी और पुत्र अपनी-अपनी सोच के चलते ‘आप’ में गए है। शमशेर सिंह दूलों ने यह भी कहा कि पहले कभी मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह के भाई भी अकाली दल में चले गए थे और अन्य भी कई कांग्रेसी आगु ऐसा करते रहे है। कई कांग्रेसी परिवारों के सदस्य अन्य सियासी पार्टियों में आते-जाते रहे है।

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दूलों ने कहा कि कांग्रेस हाई कमान उनका और लाल सिंह का नारको टैस्ट करवा ले। समस्त मामला सामने आ जाएंगा कि कौन अकालियों से मिला हुआ है। दूलों ने कहा कि कांग्रेस ने 90 फीसदी पुराने टकसाली कांगे्रेसियों को किनारे लगा रखा है। अब पार्टी के कलचर में सुधार की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि फतेहगढ़ साहिब में अगर कांग्रेस ने किसी अन्य वर्कर के अतिरिक्त उनको लोकसभा टिकट दी होती तो वह अपने बेटे के विरूद्ध भी प्रचार करते और रैलियां भी निकालते।

स्मरण रहे कि बीते दिनों लाल सिंह ने शमशेर सिंह दूलों को कांग्रेस पार्टी में धब्बा करार दिया। लाल सिंह ने कहा कि शमशेर सिंह दूलों के पार्टी से चले जाने का फायदा कांग्रेस को होगा। इधरें दूलों ने कहा कि वह 1992 और 1999 में बेअंत सिंह की सरकार के मंत्री मंडल के सदस्य थे और कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने उन्हें लोकसभा की टिकट दी थी, जिसपर वह विजयी हुए और वह पंजाब कांग्रेस के प्रधान भी बने। उन्होंने कहा कि पार्टी नेविधानसभा चुनावों के लिए उसकी पत्नी को 2002 और पुन: 2007, 2012 में टिकट दी और कांगेस की सरकार बनते ही उसको संसदीय सचिव बनाया गया।

बन्नी दूलों ने एक दिन पहले ही कांग्रेस पार्टी को अलविदा कहा है और मां का आर्शीवाद लेकर अपना नामांकन पत्र दाखिल किया है। उसने आरोप लगाएं कि कांगे्रस पार्टी रईसजादों की पार्टी है, जहां पार्टी के पुराने वफादार और मेहनती कार्यकर्ताओं की कोई इज्जत नहीं।

इधर लाल सिंह ने कहा कि 2007 की विधानसभा चुनाव में दूलों के कारण कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा लेकिन अब वह बेटे को टिकट ना मिलने के कारण पार्टी के विरूद्ध खुलेआम बगावत कर रहे है।

बहरहाल अगर पंजाब में इस विद्रोह की चिंगारी को ना थामा गया तो होने वाले लोकसभा चुनावों के दौरान मिशन-13 की कामयाबी मुश्किल ही नहीं नामुमकिन हो जाएंगी। कांगे्रस की खींचतान भारी पडऩे के आसार बन चुके है। इसी संबंध में सूबा कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ से बातचीत करने का प्रयास किया गया किंतु चुनावी व्यस्तता के चलते बात ना हो सकी।

सुनीलराय कामरेड

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