लुधियाना- तलवंडी साबो : अमेरिका में पिछले दिनों कुछ-एक सिख पंथक धड़ों द्वारा घोषित किए गए ‘ वल्र्ड सिख पार्लीमेंट ’ को सरबत खालसा द्वारा नियुक्त किए गए सिंह साहिबान भाई ध्यान सिंह मंड कार्यकारिणी जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब और भाई बलजीत सिंह दादूवाल जत्थेदार तख्त श्री दमदमा साहिब ने सहमति प्रकट नहीं की और कहा कि इसमें समस्त पंथक धड़ों की शमूलियत नहीं की जाती तब तक इसको परवान नहीं किया जा सकता। एक संयुक्त प्रैस विज्ञिप्त में उन्होंने कहा कि ‘ वल्र्ड सिख पार्लीमेंट ’ सरबत खालसा 2015 का प्रस्ताव है और इसको बनाने की जिम्मेदारी चब्बे की धरती पर हुए सरबत खालसा द्वारा नियुक्त किए गए चार सिंह साहिबान की है। किसी भी अकेले व्यक्ति की नहीं और जो भी सरबत खालसा को मानता ही नहीं, जबकि वे सरबत खालसा और उसके 13 प्रस्तावों को पानी पी पीकर कोसते हुए विरोध करते रहे है, उनको बिल्कुल इजाजत नही दी जा सकती।
जत्थेदार मंड और जत्थेदार दादूवाल ने कहा कि पंथ के भले के लिए कोई भी जत्थेबंदी या व्यक्ति काम करें, हमारी शुभकामनाएं उनके साथ है परंतु सांझे मुददों पर कोई भी मनमर्जी, जल्दबाजी या गलत निर्णय करें, उसको हमारा समर्थन नहीं। उन्होंने कहा कि पहले भी फतेहगढ़ साहिब से 150 सदस्यी कमेटी की घोषणा हुई फिर इंगलैंड में 15 सदस्यी कमेटी का ऐलान हुआ, जिसके साथ हमने सहमति प्रगट नहीं की और उन कमेटियों को रदद किया, अब अमेरिका की कमेटी ने भी सबको भरोसे में लिए बिना ही कुछ लोगों ने जल्दबाजी में ऐलान कर दिया है। इसीलिए हमें आखिर बयान जारी करना पड़ा।
उन्होंने कहा कि उक्त लोगों ने ऐसा करके पंथ में दुविधा बढ़ाई है, जो बर्दाश्तयोग नहीं। जत्थेदारों ने कहा कि ‘ वल्र्ड सिख पार्लीमेंट ’ बनाने के लिए बहुत काम किए है और बहुत संगठनों के आगुओं से मिले परंतु अभी सहमति नहीं बन रही थी, जिस कारण सांझे ऐलान में देरी हो रही है। अगर इसी प्रकार दो-चार सौ सिख इकटठा होकर एक समूह ऐसी संस्था ऐलान करती है तो हम हजारों सिख इकटठा करके कभी भी घोषणा कर देते लेकिन यह महान संस्था एक धड़े या समूह की नहीं बल्कि समूह पंथक दॢदयों की सांझा दर्द है, जो जल्द ही एकता बनाकर घोषित की जाएंगी।
स्मरण रहे कि जिन धड़ों ने अनेक मुश्किलों के बावजूद सरबत खालसा 2015 किया, जहां लाखों देश-विदेश के सिखों ने शमूलियत की, उस सरबत खालसा समूह का कोई भी प्रतिनिधि इन कमेटियों के इकटठ में शामिल नहीं, इसलिए इसको मान्यता नहीं दी जा सकती। उन्होंने कहा कि कोई भी संस्था सिखों को गुमराह ना करें और संयुक्त व महान संस्था बनाने का कार्य सर्व सहमति किया जाएंगा।
– सुनीलराय कामरेड
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