कृषि कानूनों को रद्द करने सहित विभिन्न मांगों पर सरकार के साथ सहमति बनने के बाद अब किसानों ने दिल्ली की सीमाओं से हटने का फैसला लिया है। ऐसे में दिल्ली जींद के रास्ते लौटने वाले पंजाब के किसानों का बांगर की धरती पर जोरदार स्वागत होगा। इसके लिए व्यापक तैयारी की जा रही है। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने शुक्रवार को कहा कि राज्य सरकार दिल्ली की सीमाओं से ‘‘विजयी’’ वापसी पर अपनी ‘‘माटी के बेटों’’ का स्वागत करेगी।
किसानों, कृषि मजदूरों और संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह लोगों की जीत है और समाज के विभिन्न वर्गों की एकता ने मोदी सरकार को ‘‘कठोर काले कानूनों’’ को वापस लेने पर मजबूर कर दिया।चन्नी ने कहा कि उन्होंने लगभग एक साल तक किसानों की मांगों पर ध्यान नहीं दिया लेकिन अब भारतीय जनता पार्टी के नेता‘‘किसानों की जीत को भुनाना’’ चाहते हैं और इसे पंजाब में चुनावी कार्ड के तौर पर इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि देश के किसान और लोग एक साल से अधिक समय तक उनके धैर्य की परीक्षा लेने के लिए मोदी सरकार तथा उसके नेताओं को कभी माफ नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि यह जीत किसानों के लिए आसान नहीं रही, क्योंकि आंदोलन के दौरान 700 से अधिक किसानों ने अपना बलिदान दिया। चन्नी ने कहा कि सरकार हमेशा किसानों और मजदूरों के साथ खड़ी रही है और उनके ‘‘ऐतिहासिक’’ और ‘‘अच्छे’’ काम में उनकी हरसंभव मदद की है। उन्होंने कहा कि सरकार ने उन करीब 350 किसानों के परिवार के सदस्यों को नौकरियां तथा वित्तीय सहायता दी जिन्होंने आंदोलन के दौरान जान गंवा दी और बाकी के परिवारों को भी जल्द ही मुआवजा दिया जाएगा।